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बीकानेर पीबीएम अस्पताल में ऑक्सीजन खरीद का मोह प्रबंधन से छूट नहीं रहा है। करोड़ों रुपए की लागत से 11 ऑक्सीजन प्लांट लगाने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन इनका उपयोग नहीं कर रहा। इससे एक तरफ करोड़ों रुपए के प्लॉट उपकरण पड़े-पड़े नकारा हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ ऑक्सीजन खरीद के पैटे सालभर में करीब सवा करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ रहा है। अधीक्षक डॉ. पीके सैनी ने पिछले दिनों ऑक्सीजन प्लांटों का निरीक्षण कर यह स्वीकार भी किया कि ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने पर रोजाना तीस हजार रुपए की बचत राजनीतिक प्रशासनिक -हस्ताक्षेप एक प्लांट को शुरू कर वापस बंद कर दिया गया। शेष को शुरू कर वापस बंद कर दिया। शेष को शुरू करने की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई ।

संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में कोविडकाल के दौरान बड़ी संख्या में मरीज भर्ती हुए। दूसरी लहर में अधिकांश मरीजों को ऑक्सीजन देनी पड़ी। ऐसे में ऑक्सीजन की आपूर्ति जरूरत के अनुसार नहीं होने से मरीजों की जान पर बन आई। केन्द्र और राज्य सरकार ने इस हालात के बाद पीबीएम अस्पताल में 11 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए। इनके तैयार होकर शुरू होने तक कोविड चला गया और ऑक्सीजन की डिमांड सामान्य हो गई अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन प्लांट ओं का उपयोग करना बंद कर दिया।

प्रति साल खपत होने वाले एक लाख से अधिक सिलेंडरों की कीमत देखें, तो एक करोड़ बीस लाख रुपए का भुगतान ऑक्सीजन प्लांट वालों को किया जाता है। अगर अस्पताल परिसर में बने सभी प्लांट काम में लिए जाते हैं, तो सरकार की यह राशि बच जाती है। एक ऑक्सीजन प्लांट से 75 से 125 सिलेंडर गैस का उत्पादन होता हैं।

अस्पताल के विभिन्न विभागों में भर्ती मरीजों के लिए अनुमान के मुताबिक हर साल एक लाख से अधिक ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों की खपत होती है अर्थात एक दिन में 300 सो सिलेंडर विभिन्न वार्ड तथा ऑपरेशन थिएटर में मरीजों को काम आते हैं जबकि 1 माह में यह संख्या नव हजार तक पहुंच जाती है

अस्पताल में टीबी अस्पताल, हृदय रोग अस्पलाल, शिशु अस्पताल, कोविड अस्पताल, डी वार्ड, जे वार्ड तथा सुपर स्पेशयलिटी यूनिट में • प्लांट स्थापित हैं। डी वार्ड के पीछे एक सप्ताह पहले प्लांट का उद्घाटन किया गया था और दूसरे दिन यह खराब हो गया। कोविड काल में सहापित प्लांटों का उद्घाटन करने के बाद बंद कर दिए गए।

अस्पताल में ऑक्सीजन खरीद के लिए निविदा जारी की जाती है इस वजह से प्लांट संचालकों में प्रतिस्पर्धा हो जाती है गत वर्ष प्रति सिलेंडर की दर 169 रुपए थी लेकिन इस बार घट कर 124 हो गई बीकानेर में ऑक्सीजन के तीन निजी प्लांट है।

अस्पताल परिसर में लगे में तकनीकी खराबी है, तो कहीं पर वोल्टेज की समस्या भी बनी हुई है। इसके अलावा एमजीएच और सुपर स्पेशयलिटी यूनिट में मरीज भती नहीं हैं। इस वजह से बंद है। जबकि टीबी अस्पताल में लाइन बिछी नहीं होने के कारण बंद पड़े हैं। डी वार्ड के प्लांट को ठीक करने के लिए इंजीनियर को बुलाया हुआ है। डॉ. पीके सैनी, अधीक्षक पीबीएम अस्पताल

 

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