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बीकानेर। असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं की कार्यस्थल संबंधी समस्याओं के पंजीकरण एवं इनके समयबद्ध निराकरण के लिए त्रिस्तरीय महिला समाधान समितियों का गठन किया गया है। जिला कलक्टर नमित मेहता ने गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में इन समितियों के उद्देश्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए, जिससे ऐसी सभी महिलाओं को इनकी जानकारी हो तथा यह महिलाएं अपने कार्यक्षेत्रों में भयमुक्त होकर कार्य कर सकें।
जिला कलक्टर ने बताया कि राज्य सरकार के जन घोषणा पत्र में प्रदेश के असंगठित एवं अनौपचारिक क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा के लिए कार्ययोजना के तहत यह समितियां गठित की गई हैं। संभागीय आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट एवं संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित संभाग, जिला और उपखण्ड स्तरीय कमेटियों में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रमुख कार्यस्थलों का चिन्हीकरण करते हुए महिला समाधान समितियों के कार्यों को प्रचारित किया जाए। इसके लिए उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठकें की जाएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यक्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी हो तथा कार्य करने के लिए इन्हें स्वतंत्र एवं सुरक्षात्मक वातावरण मिले, इसके मद्देनजर कार्य किया जाए।
सफल महिलाओं से रूबरु होंगी बालिकाएं
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जिला टास्क फोर्स की बैठक के दौरान जिला कलक्टर ने कहा कि बेटियों के साथ पूर्व में आयोजित ‘डायलॉग विद् डीएम’ की तर्ज पर प्रशासनिक एवं पुलिस सेवा, शिक्षा, चिकित्सा एवं विभिन्न क्षेत्रों में सफल महिलाओं के साथ बालिकाओं का संवाद आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह श्रृंखला शीघ्र ही प्रारम्भ की जाए, जिससे हमारी बेटियां इन सफल महिलाओं से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकें। उन्होंने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या पर प्रभावी अंकुश लगाने, बेटियों को शिक्षा से जोड़ने तथा पढ़ी-लिखी बालिका को विभिन्न कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य होगा। इसके लिए वार्षिक एक्शन प्लान तैयार करते हुए भारत सरकार को भिजवाया गया है।
कन्या वाटिका में लगाएंगे दस हजार पौधे
जिला कलक्टर ने बताया कि स्कूलों, ग्राम पंचायतों एवं सामुदायिक भवनों आदि पर ‘कन्या वाटिकाएं’ तैयार की जाएंगी। इन कन्या वाटिकाओं पर दस हजार पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए संबंधित विभागों से प्रस्ताव तैयार करते हुए पौधारोपण करने के निर्देश दिए तथा कहा कि इन कन्या वाटिकाओं को मॉडल के तौर पर विकसित किया जाए। उन्होंने बताया कि जिले में अभियान के तहत जिन बिंदुओं में प्रगति कम है, इसके कारण जानने तथा सुधार के लिए इन बिंदुओं का अनुसंधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ टास्क फोर्स से संबंधित सभी विभाग अपने-अपने कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता से करें, जिससे बालिकाओं को आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिल सकें।
राज्य महिला नीति की दी जानकारी
बैठक के दौरान महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक राजेन्द्र चौधरी ने राज्य महिला नीति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य महिला नीति 2021 के तहत महिलाओ और बालिकाओं के समग्र विकास के लिए 6 प्रमुख क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। इनमें बालिकाओं और महिलाओं के जन्म अस्तित्व, स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा एवं प्रशिक्षण, आर्थिक, राजनैतिक एवं सामाजिक सशक्तीकरण, सुरक्षा, संरक्षण एवं बचाव तथा र्प्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं आपदाएं आदि प्रमुख हैं। जिला कलक्टर ने कहा कि जिले में भी नई महिला नीति का प्रभावी क्रियान्वयन हो। संबंधित विभागों के अधिकारी आपसी समन्वय रखते हुए कार्य करें।
सखी वन स्टॉप सेंटर की हुई समीक्षा
बैठक के दौरान जिला कलक्टर ने सखी वन स्टॉप सेंटर की प्रगति समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वन स्टॉप सेंटर के लिए मानव संसाधन की निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के दौरान भी सेंटर चालू रहे। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए अगले दो दिनों में इसे चालू करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि वन स्टॉप सेंटर की गाइडलाइन के अनुसार भवन निर्माण के लिए पीबीएम अस्पताल में स्थान चिन्हित करते हुए राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवाए गए हैं। उन्होंने केन्द्र की आधारभूत सुविधाओं तथा इसकी कार्यप्रणाली के संबंध में चर्चा की। बैठक के दौरान महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र की गतिविधियों की समीक्षा भी की गई।
इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) अरुण प्रकाश शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल डी पंवार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओ. पी. चाहर, जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा, पीबीएम उपाधीक्षक डॉ. के. के. मिश्रा, डॉ. प्रभा भार्गव, अतिरिक्त विकास अधिकारी कैलाश पंचारिया, पार्षद सुधा आचार्य, डॉ. सुदेश अग्रवाल, एड. कमल नारायण पुरोहित, महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र की मंजू नांगल, चाइल्ड हैल्पलाइन के चेनाराम बिश्नोई, संरक्षण अधिकारी सतीश परिहार, प्रचेता विजय लक्ष्मी जोशी, जयवंती शर्मा आदि मौजूद रहे।
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