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बीकानेर,प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी -भारत सरकार, भगवान जन्मेश्वर की असीमित अनुकम्पा तथा समस्त साधु समाज के आशीर्वाद से बिश्नोई समाज के युवा रत्न शिवराज बिश्नोई अपने पर्यावरण सुरक्षा एवं वन्यजीवन संरक्षण के क्षेत्र में 30 वर्षों से सक्रिय भूमिका निभाते हुए जन-जन के प्रिय बन चुके हैं। सरकार का धर्म एवं दायित्व है कि ऐसी युवा प्रतिमा को उच्च सम्मान दिया जाये।

विष्णु अवतार भगवान जम्भेश्वर के प्रतिपादित 29 नियमों ने वैश्विक दुनिया को जागृत करने तथा जागृत रखने के लिए जो समर्पण प्रदान किया है वो अन्यत्र कहीं भी देखने को नहीं मिलता। पर्यावरण संरक्षण एवं वन्य जीव प्राणियों के प्रति दया, करूणा तथा बन्धुत्व का भाव जगाया, सम्पूर्ण राष्ट्र के साथ-साथ राजस्थान में अविस्मरणीय कार्यों को क्रियान्वित करके विशिष्ट पहचान बिश्नोई समाज ने बनायी है। शिवराज बिश्नोई इसी महान समाज से आते है।

वृक्षों के लिए खेजड़ली में शहीद माँ अमृता देवी कोई और नहीं थी बल्कि बिश्नोई समाज की समर्पित पुत्री ही थी। उनके साथ वृक्षों को कटने नहीं देने की एवज में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले 363, शहीद भी भगवान जम्मेश्वर द्वारा स्थापित बिश्नोई समाज के ही जीवट मानुष थे। इतनी भारी संख्या में जोधपुर के तत्कालिक महाराजा से लोहा लेने का दम-खम जम्भेश्वर जी की शिक्षा प्रधान वाणी से आया।

बिश्नोई समाज जन पर्यावरण सुरक्षा तथा वन्य वृक्ष, जीव तथा प्राणियों की संरक्षणता को अपना धर्म मानते हैं।

भगवान जम्भेश्वर की वाणी में कहा गया है “जीव दया पालनी रूख लीलो ना घावे” अर्थात् जीवमात्र के लिए दया के भाव मनुष्य में होने चाहिए तथा हरे वृक्ष को कभी ना काटें। यह शिक्षा पाकर असंख्य बिश्नोई धर्म के अनुयायी पर्यावरण एवं वन्य जीव सुरक्षा के पर्याय बन चुके हैं।

बिश्नोई समाज के ऊर्जावान, निष्ठावान युवा वर्ग के प्रणेता शिवराज बिश्नोई का जीवन पर्यावरणविद् तथा वन्यजीवन प्राणियों के परम् हितैषी बन चुका है। बिश्नोई धर्म का पालन करते हुए वह वैश्विक समस्या पर्यावरण में व्याप्त प्रदूषण के रोकथाम की जड़ में पहुंचे सशक्त हस्ताक्षर बन चुके हैं।

बिश्नोई समाज के विष्णु अवतार, गुरू जम्मेश्वर के पर्यावरण संरक्षण तथा समस्त जीवों के प्रति दया, करूणा के सिद्धान्त से प्रेरित होकर सजाम ने सदैव समाज के साथ-साथ समस्त जीवों को जीने की राह प्रशस्त की है।

बिश्नोई समाज की सबसे पुरानी सामाजिक संस्था, जिसे समग्र साधु समाज का वृहदहस्त प्राप्त है यानी अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा (रजि.) के समस्त रचनात्मक उद्देश्य की पूर्ति में शिवराज बिश्नोई सदैव अग्रणीय रहते आ रहे हैं। “वृक्ष लगाओं, वन्य जीव बचाओं मिशन के अन्तर्गत आने वाले समस्त सामाजिक सरोकारों को इन्होंने हृदय से अपनाया हुआ है।

राजस्थान में सर्वाधिक बिश्नोई धर्म के अनुयायी निवास करते हैं। इसी प्रान्त से लगे राज्य हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश में बिश्नोई जन प्रवास करते हैं किन्त राजस्थान में जनसंख्या की दृष्टि से बिश्नोई धर्म को मानव वाले नागरित लाखों की संख्या में हैं।

अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा (ALL INDIA JEEV RAKSHA BISHNOI SABHA (Regd.) ने  शिवराज बिश्नोई पुत्र भागीरथ बिश्नोई निवासी सलुण्डिया नोखा (हाल-बीकानेर) को राष्ट्रीय संगठन मंत्री साहबराम की अनुशंसा पर प्रदेश राज्य का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त करते हुए इनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं प्रकट की है। इस नियुक्ति से सकल बिश्नोई समाज तथा बिश्नोई साधु समाज ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपना समर्थन सहृदय शिवराज बिश्नोई को दिया है।

यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि जिस प्रदेश में बिश्नोई धर्म की स्थापना भगवान जन्मेश्वर जी ने की, जहां आपश्री ने मनुष्य देह में अवतार लिया तथा इस राजस्थान में आपने देह त्याग किया। धर्म के प्रमुख धर्म स्थल मुकाम, समराथल आदि सभी स्थान राजस्थान में स्थापित है। यहां के बिश्नोई जन अपने को सौभाग्यशाली मानते हैं कि वहां के निवासी हैं, जहां भगवान जम्मेश्वर के पावन स्थल विराजमान हैं।

राजस्थान में सबसे अधिक बिश्नोई जन रहते है। ऐसे प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष बनाना, सबसे बड़ा मान-सम्मान है। शिवराज के कार्यों की लम्बी फेहरिस्त का ही परिणाम है कि बिश्नोई सभा ने ये एजाज अनको प्रदान किया।

अखिल भारतीय स्तर पर लगभग एक करोड़ पच्चास लाख बिश्नोई जनसंख्या वर्तमान में है। राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली में बिश्नोई रहते हैं। विदेशों में भी बिश्नोई समाज के लोग अपनी योग्यता के दम पर प्रवास कर नाम रोशन कर रहे हैं।

शिवराज बिश्नोई नोखा, बीकानेर, राजस्थान के उस स्थान से आते है, जहां मुकामधाम स्थापित है। धर्म अध्यात्म की दृष्टि से बिश्नोई राजधानी मुकाम होने के कारण यहां के शिवराज बिश्नोई अखिल विश्नोई समाज से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं तथा सभी का स्नेह और आशीर्वाद इनको प्राप्त है। इस रूप में समाज में इनका कद काफी ऊंचा है।

पर्यावरण संरक्षण जैसे जल, जमीन, वन, वनस्पति, वन्यजीव को बचाने की तमाम नीतियों में शिवराज बिश्नोई सिद्धहस्त हैं। इनके इस समर्पण से साधु समाज तथा तमाम सामाजिक संगठन इनसे अत प्रसन्न है।

शिवराज बिश्नोई अपने अनुभव के आधार पर अक्सर कहते हैं कि भारत सरकार के मंत्रालय पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में बिश्नोई समाज के पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे मिशन को अभी तक समझ नहीं सके हैं। केन्द्र के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, भू-गर्भ मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय द्वारा चलायी जा रही गतिविधियों, सम्बद्ध समितियों में बिश्नोई समाज जन को कोई महत्त्व नहीं दिया जा रहा Animal Welfare Board Wild Life Foundation Board, Climate Change जैसी अनेकों समितियों में बिश्नोई समाज के पर्यावरण सिद्ध जमीनी स्तर के कमर्ठ कार्यकर्ताओं से कोई सहयोग नहीं लेने का ही परिणाम है कि पर्यावरण की समस्या देश में जस की तस बनी हुई हैं। होना तो ये चाहिये था कि इन बोर्ड तथा कमेटियों में बिश्नोई समाज की भागीदारी तय होती। परन्तु ऐसा हो नहीं रहा। शिवराज बिश्नोई अपने स्तर पर पर्यावरण मित्र बनकर वृक्ष तथा वन्य जीव के संरक्षण के लिए पूरी तरह जुटे हुए हैं। बिना सरकारी अनुदान के वे अपने संसाधन के बूते इस मिशन में रत हैं, जो समाज के मूल स्वरूप के अनुरूप है, अनुकूल है। समाज इनके कार्यों से प्रसन्न है।

प्रदेशाध्यक्ष शिवराज बिश्नोई ने बिश्नोई सभा के कार्यों को विकास पथ पर बढ़ाया है। वन्य जीव गोडावन, चिंकारा हिरण, ब्लैक बक सहित अनेक वन्यजीवों को लुप्त होने से बचाया है। इनके प्रयासों से मरूस्थलीय वनस्पति खेजड़ी, जाल, कुण्डा, कंकेड़ी, नीम प्रजातियां को यहां विकसित करने तथा प्रदेश को हरा-भरा रख

पर्यावरण सन्तुलन बनाने का बड़ा भारी काम हाथ में ले रखा है। आमजन सामाजिक संस्थाएं तथा साधु समाज में शिवराज बिश्नोई लोकप्रिय हैं। पर्यावरण के लिए इनका लोकचिंतन सराहनीय है।

बिश्नोई धर्म के संस्थापक भगवान जम्भेश्वर ने जो दो धर्म नियम बताये, उनमे प्रमुख :

1. हरे भरे वृक्ष नहीं काटना। 2. वन्य जीव तथा प्राणीमात्र के प्रति दया-करूणा रखना, पर्यापवरण जन-जागरण के आधार हैं।

इन नियमों की पालना करते हुए इतिहास में कई घटनाओं का उल्लेख हर वैश्विक एवं राष्ट्रीय पर्यावरण सम्बद्ध मंचों पर होता है। स्वयं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भगवान जम्मेश्वर की शिक्षाओं का बखान अपने श्रीमुख से कर चुके हैं। चूंकि प्रधानमंत्री तो स्वयं हृदय से संत-स्वभाव से हैं, अतः वह भगवान जम्मेश्वर की शिक्षाओं को नजरअंदाज कैसे कर सकते थे।

शीतल झरने का अनुभव देने वाले प्रधानमंत्री से हम समस्त साधु समाज तथा सामाजिक संगठन विनम्र आग्रह करते है कि राज्य सभा में पर्यावरण श्रेणी में कर्तव्यनिष्ठ पर्यावरण हितैषी पर्यावरणविद् शिवराज बिश्नोई को मनोनीत कर संसद में भिजवाने का मार्ग प्रशस्त कीजिये। आप वैश्विक दुनिया के अन्तराष्ट्रीय मंचों पर मुख्य अतिथ्य स्वीकार करते हुए समस्त राष्ट्राध्यक्षों को पर्यावरण गुर सिखाते जा रहे है। यदि शिवराज बिश्नोई सरीखे जन्मजात पर्यावरण कर्म को समर्पित व्यक्तित्व राज्य सभा सांसद सदन होंगे तो देश-दुनिया को जो आप लाभ देना चाह रहे हैं उसमें कई गुणा बढ़ोतरी हो सकेगी। जल, जंगल, पर्यावरण, वन्यजीव सुरक्षा के इनके अनुभव आपके पक्ष की सुदृढ़ता से रखने में सहयोगी बनेंगे।

बिश्नोई समाज के होनहार, युवा, ऊर्जावान, सबके प्रिय गुणीजन, पर्यावरण को बचाने में अग्रणीय शिवराज बिश्नोई पेड़-पौधों को अपना परिवार तथा वन्य जीवों की सुरक्षा को अपना कर्तव्य मानकर मूक स्वरूप चुपचाप अपने महत्पूर्ण मिशन जंगल बचाओं, जीव बचाओं, पेड़ लगाओं में जुटे हुए हैं। पेड़-पौधों तथा जंगल में मंगल बरसाने वन्य जीवों की अहमियत बताने के कार्य में भी पीछे नहीं है। अब तक सैंकड़ों सेमिनार, चर्चाएं, विचार गोष्ठियां, मीट, सम्मेलन, संवाद, सम्पर्क तथा यात्राएं पर्यावरण जनजागरण के लिए आयोजित कर चुके है तथा उनमें मुख्य वक्ता की भूमिका निभाते हुए हजारों पर्यावरण समर्थकों को शपथ दिला चुके हैं।

अखिल भारतीय बिश्नोई समाज में इनसे समर्पित पर्यावरण युवाशक्ति फिलहाल कोई नहीं। इनका विशेष गुण है कि ये शिक्षित हैं तथा सामाजिक सेवा से सम्बद्ध विभिन्न संस्थाओं में उच्च प्रदेशाधिकारी तथा राष्ट्रीय पदाधिकारी पद पर आसीन है तथा अपना आधार मजबूत बनाये हुए हैं। पूरे देश के बिश्नोई इनको बड़ा भाई या छोटा भाई के नाम से पुकारते हैं। इनके जीवन का मुख्य ध्येय है, आजीवन पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करते हुए वन्य वृक्ष एवं वन्य जीवों को आजादी के साथ जीने के हक में मददगार बनना। देश में एक ऐसा वातावरण बनाना कि लोग स्वयं अपने दायित्व को पर्यावरण के संदर्भ में समझे।

पर्यावरण सुरक्षा के लिए अपना जीवनदान कर चुके शिवराज बिश्नोई भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता है। विगत 15 वर्षों से वे समर्पण भाव से पार्टी से जुड़े हैं। उनके कर्तव्यनिष्ठा को अहमियत देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपने किसान मोर्चा राजस्थान का प्रदेश मंत्री नियुक्त किया है। इस पद पर सक्रिय रहते हुए इन्होंने प्रदेश के किसानों के मध्य जाकर किसान हितैषी तीनो बिल के सकारात्मक तथा रचनात्मक पक्ष रखा तथा प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को किसान वर्ग तक ढाणी-ढाणी, गांव-गांव तक शानदार ढंग से पहुंचाया। यही वजह रही कि राजस्थान के किसान केन्द्र सरकार के विरोध में सड़कों पर नहीं उतरे।

मिशन 272+ नेशनल एक्जिक्यूजीव मेम्बर कम्यूनिकेशन सेल बी.जे.पी राजस्थान में वर्ष 2013 से 21 मई 2014 तक रहकर जन-जन से सीधा सम्पर्क बनाने में महती भूमिका निभाई तथा पार्टी धर्म का पालन किया वर्ष 20016 से 2015 तक जिला संयोजक, चिकित्सा प्रकोष्ठ, भारतीय जनता पार्टी बीकानेर देहात के बतौर कार्य सम्पादित करते हुए देहात में पार्टी की सकरात्मक छवि को मतदाताओं नागरिकों के सम्मुख रखा। –

युवा होने के नाते भारतीय युवा मोर्चा नोखा देहात बीकानेर में अध्यक्ष पद पर रहकर देहात में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया। परिणाम स्वरूप नोखा विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी अपना विधायक बनाने में सफलता प्राप्त की।

हरियाणा विधानसभा उपचुनाव 2011 के समय विधानसभा क्षेत्र आदमपुर तथा रतिया में राजस्थान युवा मोर्चा प्रभारी के बतौर पार्टी पक्ष में जनसम्पर्क कार्य किया। इसी प्रकार गुजरात विधान सभा चुनाव 2012 में माइक्रोबूथ मैनेजमेंट हेतु विधान सभा क्षेत्र बड़ गांव, जिला पालनपुर में 10 दिन तक पार्टी हितैषी दायित्व निभाया।

भारतीय जनता पार्टी राजस्थान प्रदेश में सुराज यात्रा 2013 में उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर संभाग में आयोजित हुयी। उसमें सर्वस्व न्यौछावर कर तन-मन से जुटे रहे। विधानसभा लोहावट सुराज संकल्प यात्रा में प्रदेश भाजपा द्वारा मिले आदेशानुसार 10 जुलाई से 30 जुलाई तक रहकर कार्यक्रम को सफल बनाया।

शिवराज बिश्नोई ने वर्ष 2014 में जब श्री नरेन्द्र मोदी भाजपा के प्रधानमंत्री चेहरे के रूप में पहली बार लोकसभा चुनाव में उतरे थे, तब राजस्थान के जोधपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर जिले में भाजपा के समर्थकों की संख्या बढ़ाने में दिन-रात जुटे हुए थे। गांव-गांव यात्रा कर सामाजिक स्तर पर युवा वर्ग को भाजपा के समर्थन में जोड़ने में सक्रिय रहे। परिणाम स्वरूप तीनों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने विजयी परचम लहराया और प्रधानमंत्री पद पर पहली बार नरेन्द्र मोदी विराजमान हुए।

इस रूप में शिवराज बिश्नोई भारतीय जनता पार्टी के सबसे वफादार बिश्नोई समाज के अमूल्य हीरे है। वर्तमान भाजपा संगठन में वे अपनी अहम् भूमिका निभा ही रहे है। युवा मतदाताओं पर राजस्थान में अच्छी पकड़ के कारण प्रदेश संगठन ने उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा युवा मोर्चा राजस्थान के पद पर नियुक्त किया जिससे भाजपा सरकार के प्लस पाइंट्स यानी नीतियों तथा देश, प्रदेश, जिले, नगर तथा ग्रामीण क्षेत्र में हो रहे विकास को लेकर आमजन तक पहुंचते ही है। इससे लोगों में भाजपा के समर्थन पक्ष में वातावरण बन रहा है। इससे राजस्थान में भाजपा सरकार बनाने में सफल होगी।

सामाजिक सरोकार तथा राजनीति दोनों ही पक्ष शिवराज बिश्नोई के जीवन से अभिन्न रूप से जुड़े हैं। समाज में इनकी सेवा तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रति इनकी निष्ठा को मद्देनजर रखते हुए श्री शिवराज बिश्नोई को भारत सरकार के पर्यावरण कोटे से राज्य सभा सदस्य नियुक्त करना सोने पे सुहागा पे होगा। सांसद बनने के बाद जहां अन्तराष्ट्रीय मंचों पर पर्यावरण सुरक्षा संदर्भ में भारत देश का पक्ष रखने में सक्षम हैं वही बतौर पार्टी कार्यकर्ता, सांसद के रूप में भाजपा को शिक्षित व्यक्तित्व प्राप्त हो सकेगा। इस कार्य से बिश्नोई समाज को भी पार्टी की ओर से सम्मान तथा महत्व मिलेन का संदेश देश के एक करोड़ पचास हजार बिश्नोईयों तक पहुंचेगा। ये करोड़ो बिश्नोई- जन प्रसन्न होकर पार्टी के हित में मैदान में उतरेंगे, पार्टी का परचम लहरायेंगे, पार्टी के उम्मीदवारों के लिए जी-जान लगा देंगे। इस तरह केन्द्र में भाजपा की सीटों में आप अप्रत्याशित बढ़ोतरी स्वयं अनुभव करेंगे। बिश्नोई समाज आपकी जय-जयकार करने में कोई कोर-कसर उठा नहीं रखेंगे। वर्ष 2024 में भाजपा केन्द्र पुनः होगी और हैट्रिक के साथ श्री नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री बनेंगे।

आत्म परिचय ::

नाम शिवराज बिश्नोई

पिता का नाम स्व. श्री भागीरव बिश्नोई

जन्म तिथि: 09 अगस्त 1978 स्नातक (बी.ए)

: ग्राम सलुण्डियां, तह. जोखा, जिला बीकानेर (राज.)

शिवा पैतृक पता

पता: रिको टोड़ नं. 7, रानी बाजार जिला बीकानेर (राज.) : +91-9799320929

ई-मेल [email protected] : स्वयं का व्यवसाय खेती एवं खनन

व्यवसाय राजनैतिक दायित्व एवं प्रभार :

पूर्व में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मंत्री (किसान मोर्चा राजस्थान) ।

• पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा युवा मोर्चा राजस्थान

* गुजरात विधानसभा चुनाव 2012 में माइक्रोबूथ मैनेजमेण्ट हेतु विधानसभा क्षेत्र बड़ गांव जिला पालनपुर में दायित्व मिला 10 दिन।

* राष्ट्रीय एक्जिक्यूटिव मेम्बर, संवाद प्रकोष्ठ फॉर मिशन 272+

जिला संयोजक चिकित्सा प्रकोष्ठ भारतीय जनता पार्टी बीकानेर देहात सन् 2006 से 20015 तक।

• पूर्व अध्यक्ष भाजयुमो नोखा देहात, बीकानेर। –

* हरियाणा विधानसभा उप चुनाव 2011 बतौर राजस्थान युवा मोर्चा की ओर से प्रभारी विधानसभा क्षेत्र आदमपुर व रतिया 16.11.2011 से 30.11.2011 प्रभारी के तौर पर कार्य किया।

* सुराज संकल्प यात्रा 2013 में उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर संभाग में सुराज संकल्प यात्रा को सफल बनाने में सहयोगी बना।

* विधानसभा प्रभारी लोहावट सुराज संकल्प यात्रा प्रदेश भाजपा द्वारा मिले दायित्व में 10 जुलाई से 30 जुलाई तक विधानसभा क्षेत्र लोहावट में रहकर सुराज संकल्प सभा को सफल बनाने के दायित्व को पूर्ण किया।

● लोकसभा चुनाव 2014 में जोधुपर जिला बीकानेर व श्रीगंगानगर जिले में भाजपा के पक्ष में सामाजिक स्तर पर व युवा वर्ग को भाजपा से जोड़ने में सक्रिय भूमिका निभाई।

राजस्थान फार्मेसी कॉउन्सिल चुनाव 2000 प्रत्याशी बतौर सदस्य।

सामाजिक दायित्व :

* पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा राजस्थान 2010 से लगातार दूसरी बार।

ॐ राष्ट्रीय सचिव : अखिल भारतीय बिश्नोई आरक्षण संघर्ष समिति (बिश्नोई महासभा द्वारा गठित) 2006 से लगातार ।

* पूर्व प्रदेश महासचिव : ऑल इण्डिया फार्मेसी स्टूडेन्ट एवं फार्मासिस्ट सोसायटी रजि. सन् 1999 से लगातार ।

प्रदेशाध्यक्ष : इण्डियन फार्मासिस्ट एसोसियेशन राजस्थान ब्रान्च (आई.पी.ए) वर्ष 2010 से

राष्ट्रीय संगठन महामंत्री अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई महासभा ।

• अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा मुख्यालय नोखा, बीकानेर की केन्द्र में OBC आरक्षण कमेटी

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