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सीकर.शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ अब आबकारी विभाग सख्त हो गया है। जिन कारोबारियों ने भी विभाग का बकाया नहीं चुकाया है उन्हें वसूली का नोटिस जारी किया गया है।*

सीकर. शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ अब आबकारी विभाग सख्त हो गया है। जिन कारोबारियों ने भी विभाग का बकाया नहीं चुकाया है उन्हें वसूली का नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में 15 दिन में बकाया पैसा जमा करवाने की चेतावनी दी गई है। इसके बाद मुनादी कर इनकी संपत्ति की निलामी की जाएगी। गौरतलब है कि शराब के कारोबार ने गत वर्ष कई ठेकेदारों की लुटिया डूबो दी है। जिले के 337 में से 138 ठेकेदारों की संपत्ति निलाम होने की नौबत आ गई है। वजह है विभाग का इन पर 43 करोड़ से ज्यादा का बकाया है। इन ठेकेदारों ने इस वर्ष तो शराब कारोबार से दूरी बना ली, लेकिन पिछले वर्ष का विभाग का बकाया पैसा भी जमा नहीं करवाया। ऐसे में 138 ठेकेदारों को वसूली के लिए विभाग की ओर से नोटिस जारी कर दिए गए हैं।

22 ठेकेदारों पर है 50 लाख से अधिक का बकाया
आबकारी विभाग की शराब की दुकानों पर बकाया की स्थिति देखे तो 40 शराब दुकान संचालकों पर 50-50 लाख से अधिक का बकाया है। बाकी पर एक से 20 लाख तक का बकाया है। ज्यादा खराब स्थिति ग्रामीण क्षेत्र की शराब की दुकानों की रही है। ग्रामीण क्षेत्र में 116 शराब की दुकानों का बकाया है। वहीं शहरी क्षेत्र में 22 दुकानों का बकाया चल रहा है।

विभाग ने शुरू किया बकायादारों की संपत्ति का सर्वे
आबकारी विभाग ने बकाया वसूली के लिए पैसा नहीं चुकाने वाले शराब ठेकेदारों की संपत्ति का सर्वे शुरु कर दिया है। विभाग के अधिकारी पंचायत व निकायों से ठेकेदारों की संपत्ति का ब्यौरा एकत्र कर रहे हैं। इसमें यह भी पता किया जा रहा है कि स्व अर्जित और पैतृक संपत्ति में शराब कारोबार से जुड़े रहे व्यक्ति का हिस्सा कितना है।

विभाग भी जिम्मेदार….

चार करोड़ प्रतिभूति राशि, 43 करोड़ का चढ़ा लिया उधार
ठेकेदारों पर बकाया बढऩे का बड़ा कारण शराब की गारंटी रही है। ठेकेदार समय पर गारंटी की शराब उठा नही सके। ऐसे में उनका विभाग पर बकाया बढ़ता रहा। अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए दी गई छूट का नतीजा यह रहा कि 22 ठेकेदारों पर 50 लाख से अधिक का बकाया बढ़ गया। विभाग शराब की दुकान का निलामी में आवंटन करने से पहले प्रतिभूति राशि जमा करता है। बकाया वाले शराब ठेकेदारों की महज चार करोड़ रुपए ही प्रतिभूति राशि विभाग के पास जमा कर ली। विभाग ने इस राशि को कार्रवाई के तौर पर जब्त भी कर लिया है। लेकिन इसके बाद बावजूद 39 करोड़ रुपए के बकाया का विभाग अभी तक जिम्मेदार नहीं तय कर पाया है।

40 ठेकेदारों ने मार्च में ही खड़े किए हाथ

शराब कारोबार में गारंटी के चलते बकाया का असर इस बार की निलामी में भी रहा। शराब की दुकान चलाने वाले 40 ठेकेदारों ने तो निलामी से पहले ही विभाग को सूचित कर दिया है कि गारंटी राशि अधिक होने के कारण वे दुकान के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाना चाहते। इनमें से फतेहपुर व नीमकाथाना के आठ-आठ, सीकर उत्तर के 5, सीकर दक्षिण वृत के 10 और श्रीमाधोपुर क्षेत्र के नौ शराब ठेका संचालक थे। इसी का परिणाम यह रहा कि विभाग को इस बार तीन चरणों में रियायत के साथ शराब की दुकानों की निलामी करनी पड़ी।

इनका कहना है…
सीकर जिले में 138 ठेकेदारों पर पिछले वर्ष का बकाया है। वसूली के लिए उन्हें नोटिस जारी कर दिए गए हैं। सभी को 15 दिन में पैसा जमा करवाने के लिए कहा गया है। पैसा जमा नहीं करवाने पर उनकी संपत्ति जब्त कर निलाम करने की कार्रवाई की जाएगी।

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