बीकानेर,आज निगम आयुक्त द्वारा आयोजित साधारण सभा का बहिष्कार करना BJP बोर्ड और महापौर की बौखलाहट को दर्शाता है।
भाजपा बोर्ड बनने के बाद आज तक जनता के हित में कोई फैसला नही लिया गया ना ही जन प्रतिनिधियो की बात सुनी गई। असंवैधानिक की बात करने वाली महापौर भूल गयी कि उनके द्वारा आयोजित की गई दोनो बजट बैठके और गठित कमेटियां असंवैधानिक थी।
महापौर अपनी नाकामयाबी को छुपाने के लिए लगातार सरकार पर आयुक्त नही लगाने की राजनीति करने का आरोप लगाती रही है, आज जब एक आयुक्त ने शहर के विकास के लिए जन प्रतिनिधियो की बात सुनने के लिए नियमनुसार साधारण सभा का आयोजन किया तो महापौर ने उसका बहिष्कार कर दिया।
बाद में पत्रकार वार्ता करके शिक्षा मंत्री पर मनगढ़त आरोप लगा रही है, शिक्षा मंत्री पहले शहर के एक विधायक है, उनके द्वारा जितना विकास बीकानेर के लिए किया गया उतना तो शायद भाजपा के आज तक के सारे विधायक मिलकर नही करवा सके।
महापौर स्वंय केंद्रीय मंत्री महोदय के इशारों पर शिक्षा मंत्री और उनके परिवार पर मनगढ़त आरोप लगा रही है। अगर महापौर को ये बैठक असंवैधानिक लगती है तो वो बताए आपने आज तक क्यू साधारण सभा का आयोजन नही किया?
महापौर केवल धारा 39 में स्वंय के निलंबन के डर से मनगढ़त आरोप लगाकर इस मुद्दे को भटकाना चाहती है।
आयुक्त महोदय ने आज की साधारण सभा मे शहर के विकास के लिए जो प्रस्ताव रखे वो बीकानेर के विकास ने सहायक सिद्ध होंगे।