बीकानेर निरोगी राजस्थान के तहत आंकलन पीबीएम अस्पताल पीबीएम अस्पताल में मरीजों के लिए सभी प्रकार की दवाइयां और सर्जिकल आइटम निःशुल्क उपलब्ध कराने पर करीब 40 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह आकलन पीबीएम अस्पताल के विभिन्न विभागों की ओर से दवा और सामान की डिमांड मांगने पर सामने आया है। इसके आधार पर पीबीएम अस्पताल प्रबंधन ने 40 करोड़ की दवा खरीद के लिए टेंडर निकाले हैं। इसमें भाग लेने वाली फर्म के लिए 80 लाख रुपए की बिड सिक्योरिटी और बीते तीन साल में हर साल दस करोड़ रुपए टर्नओवर होने की शर्त रखी गई है, जिसके चलते स्थानीय दवा आपूर्ति फर्मों ने टेंडर पर आपत्ति जताई है। स्थानीय फर्मों ने एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के समक्ष टेंडर को लेकर अपील दायर इस पर सुनवाई के बाद प्राचार्य ने पीवीएम अधीक्षक को व्यापक हित में टेंडर के नियमों और शर्तों का व्यापक अध्ययन कर अधिकतम प्रतिस्पर्द्धा रखें। हालांकि टेंडर आपत्ति जताने वाले फर्म संचालकों का कहना है कि 40 करोड़ रुपए की दवाइयों की डिमांड का आंकड़ा व्यावहारिक नहीं है।इस टेंडर में जानबूझकर ऐसी शर्तें रखी गई है की बड़ी फर्म ही शामिल हो जो कही ना कही दवा खरीद कमेटी की मंशा पर संदेह पैदा करती है। बिना वित्तियां स्वीकृति के आनन-फानन में 40 करोड़ की अनुमानित राशि का सप्लाइ टेंडर निकाला गया है।
पहली बार मेडिसिन टेंडर के लिए 80 लाख रुपए बिड सिक्योरिटी मांगी गई है। एम्स के टेंडर में भी इतनी बड़ी राशि नहीं रखी गई है। तीन साल का दस-दस करोड़ यानी 30 करोड़ के टर्न ओवर की शर्त रखने से स्थानीय फर्म टेंडर से बाहर रह जाएंगी।
50 लाख रुपए का बैंक सोल्वेंसी सर्टिफिकेट भी बेवजह मांगा गया है। पूरे प्रदेश में दवा आपूर्ति करने वाली आरएमएससीएल में इन्हीं दवाओं का 1057 करोड़ का टेंडर निकाला है। इसमें बिड सिक्योरिटी राशि पांच लाख रुपए है। जबकि यहां अस्सी लाख रुपए।
पहले पीबीएम में केवल ईडीएल श्रेणी की दवाइयां ही सरकार की ओर से निःशुल्क दी जाती थीं। नॉन ईडीएल दवाइयां व सर्जिकल आइटम मरीज बाहर से खरीदते थे। अब निरोगी राजस्थान में सरकार की मंशा सभी प्रकार की दवाइयां, जांच और उपचार मरीज को फ्री देने की है। ऐसे में सभी विभागों से डिमांड लेकर 40 करोड़ की दवाइयों के रेट टेंडर आमंत्रित किए हैं। करीब आठ-दस फर्म टेंडर में भागीदारी कर रही हैं। दवाइयों की निर्बाद्ध आपूर्ति के लिए जरूरी है कि फर्म का पिछला रेकॉर्ड बड़े स्तर पर काम करने का हो। कमेटी गठित की हुई है, जो सरकारी हित में दवा खरीद का काम करेगी।
डॉ. पीके सैनी, पीबीएम अधीक्षक