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बीकानेर,राजस्थान सरकार में जहां अफसरशाही से सरकार के विधायक मंत्री परेशान हैं वहीं यही नजारा शहर की सरकार का भी है। निगम आयुक्त गोपाल राम बिरदा द्वारा साधारण सभा की बैठक को लेकर पार्षदों को दी गई धमकी का विवाद थमा ही नही था की एक और विवाद पैदा हो गया है।

नगर निगम के एक कार्मिक के माध्यम से गोपाल राम बिरदा ने महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित को चेतवानी के साथ ब्लैकमेल करने का प्रयास किया है। आयुक्त ने निदेशक के नाम एक पत्र तैयार कर भिजवाया है जिसमें बैठक से पहले ही महापौर के बैठक में अनुपस्थित रहने और आयुक्त के आदेश निरस्त करने जैसे प्रकरणों का हवाला देते हुए महापौर द्वारा पदीय दायित्वों और कर्तव्यों में उदासीनता के साथ कामकाज में बाधा डालने जैसे आरोप लगाते हुए रिपोर्ट सरकार को भेजने की बात कही है। मजेदार बात यह है की यह पत्र 26 मई को ही लिख लिया गया है जबकि साधारण सभा की बैठक 27 मई आज है। आयुक्त ने कार्मिक के माध्यम से महापौर को इस रिपोर्ट के साथ एक संदेश भेजा है जिसमें उन्होंने कहा की *महापौर को बता देना अगर वो नही आई तो ये होगा*।
आयुक्त द्वारा पहले पार्षद और अब महापौर को दे गई इन धमकियों से निगम का माहौल बिगड़ने की पूरी संभावनाएं हैं। पक्ष के साथ विपक्ष के पार्षद भी आयुक्त इस विषय में घेरने की तैयारी में है। लोकतंत्र में किसी अधिकारी द्वारा इस तरह जनप्रतिनिधियों को धमकाने का संभवतः यह पहला मामला होगा। हालांकि महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित और सत्ता पक्ष के पार्षदों ने एकजुटता दिखाते हुए पहले ही इस नियमविरुद्ध बुलाई गई बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया है। विपक्ष भी बैठक के बजाय निगम परिसर में आयुक्त को घेरने की तैयारी में है। इस गहमागहमी में कानून व्यवस्था बिगड़े इससे पहले उच्चाधिकारियों को संज्ञान ले लेना चाहिए।

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