बीकानेर, राज्य भर के लाखों शिक्षको की ज्वलंत समस्याओं के जल्द समाधान की मांग आपसे शिक्षक संघ एलीमेंट्री सेकेंडरी टीचर एसोसिएशन (रेसटा) करता है। आपने हमेशा संघ की मांगो को पूरा किया है आशा है उसी अनुरूप इन मांगों का निस्तारण भी शीघ्र करवाया जाएगा। संघ की निम्न मांगे है
1. राज्य में वरिष्ठ अध्यापक, एचएम, व्याख्याता, प्रधानाचार्य सभी के तबादला किए गए लेकिन राज्य के 85 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन किए है उनके तबादले नहीं किए गए इसलिए टीएसपी ओर नॉन टीएसपी क्षेत्र के तृतीय श्रेणी शिक्षकों की तबादला सुची जल्द जारी करवाई जाएं। साथ ही शिक्षा विभाग में सभी वर्गों के शिक्षकों के स्थानांतरण बिना विधायकों की डिजायर के होवे व इसमें शिक्षको का बोर्ड परिणाम सहित उनके द्वारा किए गए कार्यों को स्थानांतरण में वरियता दी जाएं। क्योंकि डिजायर से शिक्षक न चाहते हुये भी राजनीतिक शिकार होता है, जो शिक्षक जैसे गरिमामय पद के लिए सही नही है।
2. प्राधानाचार्य एवं नव सृजित उप प्रधानाचार्य के 50% पदों पर सीधी भर्ती हो ।
3. इस सत्र का ग्रीष्म कालीन अवकाश 17 मई से प्रारंभ हो गया और अब जनाधार दर्ज, अद्यतन और सत्यापन हेतु विभिन्न स्तर पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जबकि इस प्रक्रिया में अभिभावकों के सहयोग की आवश्यकता होगी जो विद्यालय जाने पर ही संभव हैं। इसी प्रकार UDISE अद्यतन करने का कार्य भी 30 मई तक पूर्ण करने का आदेश जारी किया गया UDISE के अद्यतन हेतु भी विद्यालय स्थित अभिलेखों की आवश्यकता होगी। इस संदर्भ में श्रीमान का ध्यानाकर्षण करना चाहते हैं कि शैक्षिणिक कार्मिकों को मध्य मई से 30 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश मिलता हैं। इन अवकाशों के एवज में शिक्षकों को अन्य राज्य कार्मिक की तुलना उपार्जित अवकाश सहित अन्य अवकाश कम दिए है। लेकिन पिछले कुछ सालों से ग्रीष्मकालीन अवकाशों में कटौती शुरू हो गई जो निरंतर जारी है। कम किए अवकाशों की कोई क्षतिपूर्ति भी नहीं दी जाती। अतः जनाधार हेतु जारी नोटिस प्रत्याहरित करवा कर जनाधार सहित अन्य गतिविधियों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के पश्चात ही करवाया जाएं। साथ ही साल दर साल शिक्षा विभाग में गैर शैक्षणिक कार्यों को बढ़ाया जा रहा है। लगभग प्रत्येक माह नए गैर शैक्षणिक कार्यों का जिम्मा पीईईओ के माध्यम से शैक्षणिक कार्मिकों को दिया जा रहा है। अब तो स्थिति यह हो गई है कि शिक्षक मल्टीटास्किंग कार्मिक के रूप में सेवा देने को विवश हो गया है। विद्यालय के शिक्षकों के गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त होने से शैक्षिक गुणवत्ता प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकती। अत: बीएलओ सहित सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त कराया जाएं।
4. वरिष्ठ अध्यापक भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य स्तर पर वरीयता क्रमांक द्वारा की जाती है। राज्य स्तरीय भर्ती होने के कारण चयनित अभ्यार्थियों को मंडल आवंटन भी वरीयता से निदेशालय से किया जाता हैं। अंतरमंडल स्थानांतरण होने के पर राजस्थान सेवा नियम 1971 के नियम 29 के परंतुक 10 (जो कार्मिक विभाग का नोटिफिकेशन 2 (6) DOP / A-II/84 Dated 6-2-1987 को प्रभावी किया गया) एवं राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 2021 अध्याय 6 नियम 36(7) के तहत पूर्व मंडल की वरिष्ठता का विलोपन कर नए मंडल में सबसे कनिष्ठतम स्थान पर रखकर राज्यस्तरीय वरिष्ठता का निर्धारण किया जा रहा हैं। जिससे एक साथ एक ही वर्ष में नियुक्त वरिष्ठ अध्यापकों में भेदभाव की स्थिति उत्पन्न हो रही हैं और इससे स्थानांतरित होने वाले वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नतियाँ बहुत विलम्ब से होती हैं। (वर्तमान में राजस्व व पुलिस विभाग में नए नियम प्रतिस्थापित कर दिए गए हैं। जिनके अनुसार जिला स्तरीय भर्ती के वावजूद भी राज्य स्तर की वरिष्ठता सूची प्रथम नियुक्ति तिथि से बनाई जा रही हैं ।) इन नियमों को विलोपित करने से राज्य सरकार को कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा। राजस्थान सेवा नियम 1971 के नियम 29 के परंतुक 10 एवं राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 2021 अध्याय 6 नियम 36(7) को विलोपित कर प्रथम नियुक्ति तिथि / RPSC वरीयता क्रमांक से ही राज्यस्तरीय वरिष्ठता बनायीं जाकर राज्य के हजारों पीड़ित वरिष्ठ अध्यापकों को राहत प्रदान करावें ।
5. वर्ष 2011-12 की वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पात्रता सूची निर्माण में आपके कार्यालय द्वारा राजस्थान लोक सेवा आयोग के प्राप्तांकों को आधार बनाया गया था। जबकि वर्ष 2012-13 की पात्रता सूची निर्माण में राजस्थान लोक सेवा आयोग की भेजी गई अभ्यर्थना को आधार बनाया गया है। इस प्रकार प्रतिवर्ष पात्रता के लिए अलग अलग मापदण्ड तय किए गए। वर्ष 2012-13 में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित हिन्दी, अंग्रेजी और विज्ञान विषयों के अभ्यार्थियों की नियुक्ति सितम्बर 2012 में एवं गणित व सामाजिक विज्ञान विषयों के अभ्यार्थियों की नियुक्ति जनवरी 2013 में हुई। इसके बावजूद विभाग द्वारा पात्रता सूची निर्धारण में गणित एवं सामाजिक के अभ्यार्थियों को वरियता दी गई है, जो नियम विरुद्ध है। इन विषयों के अभ्यार्थियों के प्राप्तांक भी हिन्दी, अंग्रेजी • और विज्ञान विषय में चयनित अभ्यर्थियों से निम्न है तथा नियुक्ति भी 4 माह पश्चात हुई है। लेकिन 2012-13 में त्रुटिपूर्ण तरीके से निर्मित पात्रता सूची से उच्च प्राप्तांक वाले अभ्यार्थियों की पदोन्नति निम्न प्राप्तांक वाले अभ्यार्थियों के बाद में हो रही है, जो प्रासंगिक नहीं हैं। वर्ष 2011-12 की भांति वर्ष 2012-13 की वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की वरिष्ठता सूची राजस्थान लोक सेवा आयोग के प्राप्तांको के आधार पर बनाने का श्रम करें।”
आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास हैं कि आप संघ की जायज और वाजिब मांगों को शीघ्र पूर्ण करेंगे।