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बीकानेर,आमतौर पर घर का सपना दिखाकर सभी सुविधाओं से सुसज्जित होने के दावे करने वाले मकान निर्माता कंपनियों के दावे कितने सार्थक है। इसकी बानगी इन दिनों बीकानेर में देखने को मिल रही है। जहां सुजानदेसर स्थित गंगा रेजिडेंसी कंपनी के विक्रेताओं से यहां रहने वाले खासे परेशान है। परेशानी को झेलने वाले लोग अगर शिकायत करते है तो उन्हें धमकियां तक दी जा रही है। जिसको लेकर गुरूवार को यहां के निवासियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर विरोध जताया तथा संभागीय आयुक्त को ज्ञापन दिया। गंगा रेजीडेंसी में रह रहे इन लोगों का कहना है कि कंपनी ने फ्लेट देते समय बड़े-बड़े दावे किये थे, परंतु अब एक भी दावे पर कंपनी खरी नहीं उतर रही है। जिसके चलते रेजीडेंसी में रह लोगों में रोष व्याप्त है। निवासी श्यामसुंदर जोशी ने बताया कि सुजानेदसर स्थित गंगा रेजीडेंटसी में फ्लेट लिये थे। उस वक्त हम सभी पक्षकारान से गंगा रेजीडेंसी में मेंटीनेस चार्ज जो एक मुश्त लाईफ टाईम राशि के रूप में 43 हजार 200 रुपये लिये गये थे। इस राशि को सभी लोग जमा करवा चुके है। परंतु प्रबंधक द्वारा मेंटीनेस (बिजली, पानी, पार्क, सड़क, रंग-रोगन, गार्ड व भवन की मरम्मत आदि) का कार्य नहीं करवाया जा रहा है।
पूर्व में इस बार व्यक्तिगत स्तर पर प्रबंधक को सूचना दी गई परंतु उन्होंने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की और ना ही कार्यवाही करने कोई मंशा दिख रही है।
वादे है वादों का क्या
हालात यह है कि गंगा रेजिडेन्सी के प्रबंधकों ने आवेदकों को फ्लेट देते समय पांच साल तक मेंटिनेस का वादा किया था। किन्तु एक-डेढ़ साल में कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए और अब सारा मेंटीनेस काम यहां रह रहे निवासियों को हेंडओवर करने की फिराक में है। इतना ही नहीं पीने के लिये न तो मीठा पानी आ रहा है और लिफ्ट की सुविधा से भी यहां के वांशिदे महरूम है। हालात यह है कि गंदले पानी के निरन्तर सप्लाई के चलते दो जनों ने दम तोड़ दिया। मंजर यह है कि कंपनी की ओर से किये गये वादों के अनुरूप न तो बिजली,न सफाई और न सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है,जबकि फ्लेट देने से पहले कंपनी ने इन सभी सुविधाओं को देने के लिए लोगों को सुनिश्चित किया था।
लिखित में भी दिया पर कोई सुनवाई नहीं
निवासी रामचन्द्र गहलोत का कहना है कि पिछले इन सभी समस्याओं को लेकर कंपनी मालिक के साथ निवासियों की मीटिंग भी हुई थी, जिसमें लोगों ने मालिक द्वारा लिखित सुविधाओं को अवगत करवाया, परंतु मालिक उन सुविधाओं को मानने के लिए तैयार नहीं है। किसी प्रकार की सुनवाई नहीं होने से रेजीडेंसी के निवासी परेशान व हताश है।

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