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हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर में बंदी खत्म होने के बाद इसमें पानी प्रवाहित कर दिया गया है। शाम करीब चार बजे तक आरडी ५८२ तक पानी पहुंच गया था। सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो बुधवार रात नौ बजे तक पानी राजस्थान सीमा में मसीतांवाली हैड पहुंच सकता है।*

नहरी पानी का इंतजार खत्म, आज रात नौ बजे राजस्थान सीमा में मसीतावाली हैड पर प्रवेश कर सकता है पानी
हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर में बंदी खत्म होने के बाद इसमें पानी प्रवाहित कर दिया गया है। शाम करीब चार बजे तक आरडी ५८२ तक पानी पहुंच गया था। सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो बुधवार रात नौ बजे तक पानी राजस्थान सीमा में मसीतांवाली हैड पहुंच सकता है। जल संसाधन विभाग रेग्यूलेशन खंड के एसई मूलचंद ने बताया कि नहर में छह हजार क्यूसेक पानी चलाया गया है। नहरी पानी का इंतजार अब जल्द खत्म होने वाला है। गुरुवार सुबह से नहरों में पेयजल प्राथमिकता से चलाएंगे। पेयजल भंडारण कार्य पूर्ण होने पर सिंचाई का रेग्यूलेशन लागू करेंगे। गौरतलब है कि बीते करीब दो माह से नहर में रीलाइनिंग कार्य के चलते बंदी चल रही थी। इससे प्रदेश के करीब बारह जिलों में जलापूर्ति प्रभावित हो रही थी। नहर रीलाइनिंग कार्य में जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ कार्यालय के अधीन करीब २४० अभियंताओं को लगाया गया था। नए डिजाइन से हो रहे रीलाइनिंग के बाद नहर की मियाद ७०-८० वर्ष बढ़ गई है। इससे भविष्य में पंजाब क्षेत्र में सेम समस्या दूर होगी तो राजस्थान क्षेत्र के किसानों को तय शेयर के अनुसार पानी मिलना संभव होगा। राजस्थान भाग में चालू वर्ष में बंदी के दौरान करीब २५० करोड़ की लागत से रीलाइनिंग कार्य करवाए गए हैं। पंजाब भाग में भी बड़ा बजट खर्च किया गया है। दस हजार से अधिक श्रमिकों ने लगातार नहरों पर कार्य कर रीलाइनिंग कार्य करवाया है। प्रोजेक्ट के अनुसार ६७ किलोमीटर में रीलाइनिंग कार्य करवाने का लक्ष्य था। अब सबको नहर में पानी चलने का इंतजार है। किसान बिजाई कार्य के लिए नहरी पानी की मांग कर रहे हैं। मगर विभागीय अधिकारी पहले पेयजल भंडारण को प्राथमिकता देने की बात कह रहे हैं।

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