बीकानेर,Duty free Import of oil: सरकार का मानना है इंपोर्ट ड्यूटी में इस छूट से घरेलू कीमतों में नरमी आएगी और मुद्रास्फीति को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. इस फैसले से सोयाबीन तेल के दाम तीन रुपये प्रति लीटर तक नीचे आने की उम्मीद है.*
केंद्र सरकार की ओर से सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल को लेकर बड़ा फैसला किया गया है. इसके मुताबिक अब सरकार ने सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर सेस को मार्च, 2024 तक के लिए खत्म करने का ऐलान किया है. सरकार के इस फैसले के बाद खाने का तेल सस्ता हो सकता है.
वित्त मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में कस्टम ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी. सरकार का मानना है इंपोर्ट ड्यूटी में इस छूट से घरेलू कीमतों में नरमी आएगी और मुद्रास्फीति को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक ट्वीट में लिखा, ‘यह फैसला उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण राहत देगा.’ गौरतलब है कि सरकार ने तेल की बढ़ती कीमतों के बीच पिछले सप्ताह पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी. साथ ही इस्पात और प्लास्टिक उद्योग में इस्तेमाल होने वाले कुछ कच्चे माल पर इंपोर्ट ड्यूटी हटाने का भी फैसला लिया था.
सोयाबीन तेल के दाम होंगे कम
सरकार की ओर से लिए गए फैसला का मतलब है कि 31 मार्च, 2024 तक कुल 80 लाख टन कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल का ड्यूटी-फ्री इंपोर्ट किया जा सकेगा. इससे घरेलू स्तर पर कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी.
सॉल्वैट एक्सट्रैक्टर्स ऑफ इंडिया (SEA) के मैनेजिंग डायरेक्टर बी वी मेहता ने कहा कि सरकार के इस फैसले से सोयाबीन तेल के दाम तीन रुपये प्रति लीटर तक नीचे आएंगे. सरकार ने 20-20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों के लिए TRQ संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. मेहता ने कहा कि टीआरक्यू के तहत कस्टम ड्यूटी और 5.5 प्रतिशत का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर सेस हट जाएगा.