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बीकानेर,शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने गंगाशहर में बनने वाले शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन (यूसीएचसी) का शिलान्यास और भूमि पूजन के बाद मंच से दिए भाषण का मंतव्य पूरी तरह चुनावी रहा। यही काम बाकी मंत्री गोविंद मेघवाल, भंवर सिंह भाटी पूरी ताकत के साथ कर रहे हैं। देवी सिंह भाटी भले ही सत्ता से बाहर हो वे सामाजिक मुद्दों और जन समस्याओं पर जनता को जोड़ने की राजनीति में पूरे मनोयोग से लगे हैं । डा बी डी कल्ला ने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को अपने और सरकार के कार्यों की जमकर उपलब्धियां गिनाई और भाजपा को चोंचलेबाज पार्टी बताया। अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को हिदायत दी की वे भाजपा के बहकावे में नहीं आए। उन्होंने मतदाताओं को आश्वस्त किया कि वे अपने क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने वाले हैं। मंच से आव्हान किया की श्मशान भूमि की चाहर दिवारी, विद्यालय खोलने के प्रस्ताव लावे तो तत्काल कार्रवाई होगी। पूरा भाषण चुनावी राजनीति से ओत प्रोत रहा। समर्थकों ने भी स्वागत और नारेबाजी से वैसा ही दर्शाया।
इस दौरान डॉ. कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी प्रदेश वासियों को दस लाख रुपए तक के कैशलेस स्वास्थ्य बीमा की सौगात दी है। उनका विधान सभा क्षेत्र गंगा शहर चांदमल बाग की समस्या के समाधान के लिए आरयूआईडीपी को दस करोड़ रुपए दिए हैं। बीकानेर शहर की वर्ष 2052 की पेयजल आवश्यकताओं के मद्देनजर 614 करोड रुपए की वृहद पेयजल योजना के दो पैकेज के कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री से जून माह में इनका उद्घाटन होना है। वही गेबना पीर रोड पर 132 के वी जीएसएस के लिए जमीन स्वीकृत की गई है। पीडब्ल्यूडी की ओर से गोगागेट से नोखा रोड तक फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। बीकानेर में तीन नई कालेजे शुरू की गई है। इन उपलब्धियों का गान विशुद्ध रूप से मतदाताओं को विश्वास में लेने कोशिश रही।
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में नई पंचायत समिति, उपखंड कार्यालय, तहसील, स्कूल, कालेज, अस्पताल, पेयजल, सड़क, कोलायत क्रय विक्रय सहकारी समिति आदि का उद्घाटन कर क्षेत्र के मतदाताओं को रिझाने के सभी तरह के यत्न में लगे ही रहते हैं। यही काम मंत्री बनने के बाद गोविंद मेघवाल कर रहे हैं। देवी सिंह भाटी कमोबेश साल भर से चुनावी व्यूह रचना में व्यस्त है। भाजपा के नेता बेशक अभी चुनावी स्ट्रेटेजी से दूर है। कांग्रेस के मंत्री तो अगला चुनाव जीतने में पूरी ताकत के साथ लग गए हैं। काग्रेस का चिंतन और भाजपा की राष्ट्रीय स्तर की बैठक के बाद चुनाव की धीमी धीमी बयार चलने लगी है। इसे अगले साल होने वाले चुनाव प्रचार की शुरुआत मान सकते हैं।

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