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जयपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान कृषि तकनीक मिशन के अंतर्गत महंगे यंत्रों और उपकरणों की खरीद पर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 108.80 करोड़ रूपए अनुदान के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि, आदान लागत में कमी तथा कम समय में अधिक कार्य करने के साथ-साथ किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।

प्रस्ताव के तहत किसानों को टैªक्टर, थ्रेशर, रोटोवेटर, रीपर, सीड ड्रिल आदि उपकरण उपलब्ध करवाने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। प्रस्ताव में लाभान्वित किसानों में न्यूनतम 30 प्रतिशत लघु व सीमांत किसानों को शामिल किया जाएगा।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में उपकरणों की उपलब्धता के लिए जीएसएस/एफपीओ के माध्यम से 600 कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित किए जाएंगे। इसमें से जीएसएस के माध्यम से न्यूनतम 70 प्रतिशत कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित होंगे। प्रति केंद्र को 8 लाख रूपये राशि का अनुदान (अधिकतम) दिया जाएगा।

पौध रसायनों के समुचित उपयोग, निगरानी, कृषि संबंधी अन्य कार्यों व टिड्डी नियंत्रण में ड्रोन तकनीक के उपयोग हेतु कस्टम हायरिंग केन्द्रों व कृषक उत्पादन संगठन (एफपीओ) को 400 ड्रोन उपलब्ध कराने का प्रावधान भी प्रस्ताव में किया गया है।

इन सभी कार्यों के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार द्वारा 108.80 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें से 100 करोड़ रूपये राशि मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना से वहन की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के बिंदू संख्या 133 के क्रियान्वयन में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

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