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  • बीकानेर, जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र के अंतिम छोर तक बैठे किसान को पर्याप्त नहरी पानी मिले, इसके लिए विभागीय अधिकारी-कर्मचारी पूर्ण संवेदनशीलता और गंभीरता से कार्य करें। मालवीय ने शुक्रवार को आईजीएनपी सभागार में आयोजित बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में शिक्षा मंत्री डाॅ. बी. डी. कल्ला तथा ऊर्जा-जल संसाधन राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी भी मौजूद रहे।
    जल संसाधन मंत्री मालवीय ने बताया कि विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ उन्होंने पिछले चार दिनों में पंजाब से लेकर बीकानेर तक के नहरी क्षेत्र का दौरा किया और परियोजना क्षेत्र के प्रत्येक किसान तक निर्बाध पानी मिले, इस संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, नहर तंत्र सुदृढ़ीकरण के लिए प्रतिबद्ध है तथा मुख्यमंत्री ने इसके लिए बजट में इस क्षेत्र को अनेक घोषणाएं की हैं। इन सभी घोषणाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, जिससे पश्चिमी राजस्थान की लाइफलाइन कही जाने वाली इस परियोजना का करोड़ों लोगों को भरपूर लाभ मिल सके।
    जल संसाधन मंत्री ने कहा कि बूंद-बूंद पानी अंतिम छोर तक बैठे किसान तक पहुंचे, इसके लिए निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाए। सरकार द्वारा इसके लिए संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि हाल ही में विभाग में अभियंताओं की भर्ती की गई है। विभाग का प्रयास रहेगा कि और नई भर्तियां हों तथा कार्मिकों को पदोन्नतियों का समयबद्ध लाभ मिले। उन्होंने नहरी तंत्र संचालन में विभाग के प्रत्येक कार्मिक की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
    शिक्षा मंत्री डाॅ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि बीकानेर शहर की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। आईजीएनपी द्वारा इसके अनुरूप पीने के लिए नहरी जल आवंटित किया जाए, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध करवाया जा सके। उन्होंने बताया कि वर्ष 2052 की आवश्यकताओं के मद्देनजर जल भंडारण की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए 614 करोड़ रुपये की वृहद् पेयजल योजना स्वीकृत की गई है तथा दो पैकेज के कार्यादेश जारी कर दिए हैं।
    डाॅ. कल्ला ने कहा कि आईजीएनपी के अधिकारी कृषि, ऊर्जा और सिंचित क्षेत्र विकास विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय रखें तथा किसानों को कम पानी वाली फसलें लेने के लिए प्रेरित करें। साथ ही बूंद-बूंद पानी के सदुपयोग तथा खेती की नई तकनीकें अपनाने की समझाइश भी करें। उन्होंने नहरों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने तथा क्षेत्र में सौर ऊर्जा को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने की बात कही।
    जल संसाधन राज्य मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करते हुए अंतिम छोर तक पर्याप्त पानी पहुंचाने की प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाए। पानी चोरी रोकने के लिए विभाग पुख्ता कदम उठाए। उन्होंने कहा कि नहर से पश्चिमी राजस्थान के लोगों को भरपूर लाभ हुआ है। आज मूंगफली और सरसों उत्पादन में बीकानेर, देश के अग्रणी जिलों में गिना जाने लगा है।
    ऊर्जा मंत्री ने बताया कि कपिल सरोवर के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यकरण कार्य तथा आईजीएनपी से जल उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 20 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाए। उन्होंने आईजीएनपी के अधिकारियों को कुरुक्षेत्र और पुष्कर सरोवर की तर्ज पर इसके विकास के निर्देश दिए।
    इससे पहले अधीक्षण अभियंता विवेक गोयल और जैसलमेर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता राकेश कुमार गुप्ता ने बीकानेर और जैसलमेर डिविजन में आईजीएनपी के नहरी तंत्र, क्षेत्र, बजट घोषणाओं और इनके क्रियान्वयन के बारे में बताया।
    इस दौरान आईजीएनपी के मुख्य अभियंता असीम मार्कण्डे, अतिरिक्त मुख्य अभियंता राकेश कुमार, अधीक्षण अभियंता सुनील कटारिया सहित परियोजना क्षेत्र के तकनीकी अधिकारी मौजूद रहे।
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