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बीकानेर,शहर की प्राचीन धरोहर सादुल क्लब को उसी के अपने ही लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं। सादुल क्लब की देखरेख व आमदनी व खर्च का हिसाब रखने वालों ने ही करोड़ों रुपए का गबन कर लिया। गबन पकड़ में आने के बाद अब सदर पुलिस थाने में क्लब के कै​शियर व तत्कालीन मैनेजर समेत दो अन्य के ​खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है ।यह मामला क्लब के सचिव हनुमानहत्था निवासी हनुमान सिंह राठौड़ की ओर से दर्ज कराया गया है।सदर पुलिस के अनुसार रिपोर्ट में बताया कि सादुल कल्ब संस्था की नई निर्वाचित कार्यकारिणी ने मार्च 2021 में कार्यभार ग्रहण किया था। तब संस्था के पूर्व सचिव सहदेवसिंह शेखावत ने क्लब के ऑफिस इंचार्ज व कैशियर महेन्द्र कुमार साद पुत्र मांगीलाल साद पर लाखों रुपए के गबन की आशंका जताई थी। क्लब के खातों की जांच की गई। जांच में सामने आया कि क्लब के मेला ग्राउंड व अन्य मदों में प्राप्त राशि क्लब के खाते में जमा नहीं हुई। तब महेन्द्र से सख्ती से पूछताछ की तो उसने 45 लाख रुपए के गबन की बात स्वीकार की। आरोपी ने दो बार में चार लाख रुपए जमा करवाए तथा शेष राशि भी जमा कराने का भरोसा दिलाया था।

नकद भुगतान पेटे फर्जी रसीदें काट राशि खुर्दबुर्द की
परिवादी के मुताबिक इतनी बड़ी राशि का गबन पकड़ में आने के बाद क्लब के आंतरिक बहीखातों की दुबारा जांच की गई, जिसमें पता चला कि क्लब के विभिन्न मद में दो करोड़ 75 लाख का नकद भुगतान किया गया है। नकग भुगतान के फर्जी वाउचर करोड़ों की राशि को खुर्दबुर्द किया गया है। भुगतान संबंधी किसी भी दस्तावेज व वाउचर पर पूर्व कार्यकारिणी के किसी भी सदस्य के हस्ताक्षर नहीं है। इस पूरे घोटाले में क्लब के तत्कालीन मैनेजर अनिल शर्मा व दो अन्य ने मिलीभगत रही।

परिवादी राठौड़ ने बताया कि आरोपी महेन्द्र ने मेला ग्राउंड की बुकिंग के 49 हजार रुपए भी क्लब के खाते में न करवाकर खुद के खाते में जमा करवा लिए थे। सदर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 408, 420, 467, 468, 471 एवं 120 बी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

आरोपी महेन्द्र कुमार व मैनेजर अनिल शर्मा पिछले दस साल से क्लब का काम संभाल रखा था। क्लब के खर्च व आमदनी के हिसाब-किताब की जिम्मेदारी दोनों पर थी। उक्त दोनों ने मिलीभगत कर करीब पांच साल में करोड़ों रुपए का गबन किया है। यह घोटाला भी पांच साल की ऑडिट में सामने आया। क्लब के सचिव हनुमानसिंह ने कहा कि क्लब के पदा​धिकारियों ने जिन पर भरोसा जताया उन्होंने ही विश्वास को तोड़ा। क्लब के रुपयों का गबन कर धोखाधड़ी की है।

महाराजा गंगासिंह ने महारानी विक्टोरिया की याद में 1902 में बनाया गया था। क्लब का नाम रखा गया विक्टोरिया मेमोरियल क्लब। यह क्लब शहर के उच्च ​शि​​क्षित लोगों के स्पोर्ट एंटरटेंमेंट के लिए बनाया गया था। क्लब आर्किटेक्ट जैकब की देखरेख में बना, जिन्होंने लालगढ़ पैलेस भी बनाया था। इस क्लब के लिए धन की व्यवस्था जनता से ​स्वैच्छा से दिए गए धन से की गई। पांच सौ एकड़ भूमि राज्य की तरफ से उपलब्ध कराई गई। क्लब में दो पोलो ग्राउंड और पर्वू व प​श्चिम। दो टेनिस कोर्ट, दो स्क्वैस कोर्ट। स्केटिंग रिंग और स्वीमिंग पुल, क्रिकेट व फुटबाल का एक ही ग्राउंड है। लॉर्ड कर्जल ने 24 नवंबर, 1902 को इसका उद्घाटन किया। बाद में इस क्लब का नाम बदलकर बीकानेर के महाराजा शार्दुलसिंह के नाम पर सादुल क्लब कर दिया गया।

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