बीकानेर, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने विश्व संग्रहालय दिवस के अवसर पर पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा गंगा राजकीय संग्रहालय में आयोजित पांच दिवसीय प्रदर्शनी ‘लोक कला के विभिन्न आयाम’ का बुधवार को उद्घाटन किया।
इस अवसर पर जिला कलक्टर ने कहा कि प्रदर्शनी के माध्यम से आमजन को बीकानेर की कला, संस्कृति, परम्पराओं और यहां के लोक जीवन की जानकारी मिल सकेगी। ऐसे आयोजन समय-समय पर होने चाहिए। उन्होंने कहा कि बीकानेर में लोक कलाओं को सदैव संरक्षण मिला तथा इनका भरपूर संवर्धन हुआ। यहां की उस्ता कला इनमें से एक है। इसने पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने संग्रहालय में आमजन के अवलोकनार्थ रखी गई पुरा महत्व की वस्तुओं का अवलोकन किया।
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के वृृत्त अधिकारी महेन्द्र कुमार निम्हल ने बताया कि प्रदर्शनी में जरी, गोटा पत्ती, चोगा, मेजपोश, उस्ता कला के विभिन्न नमूनों, सुराही, शिकार के अंकन चित्र, शहर की प्रमुख हवेलियों के झरोखे एवं वास्तु कला के नमूने, रंग मूर्तियां, सर्व धर्म समभाव को प्रदर्शित करने वाली विभिन्न धर्मों की मूर्तिया प्रदर्शित की गई है। इसी प्रकार प्रदर्शनी के माध्यम से लोक कलाकारों द्वारा तैयार किए गए कांच धातु, संगमरमर, लकड़ी, हाथी दांत एवं पत्थर पर किए कारीगरी के उत्कृष्ट के आमजन के अवलोकनार्थ रखे गए हैं।
निम्हल ने बताया कि प्रदर्शनी में रियासत कला एवं सस्कृति को संजोए रखने वाली वस्तुएं तथा उत्खनन में प्राप्त वस्तुएं भी प्रदर्शित की गई हैं। प्रदर्शनी 22 मई तक प्रातः 10 बजे से सांय 5.15 बजे तक खुली रखी जाएगी। इस अवसर पर राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान के वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी डॉ. नितिन गोयल, शंकर दत्त हर्ष, पुस्तकालयाध्यक्ष विमल कुमार शर्मा, मनोहर सिंह, नीलिमा पूनिया, राखी मोहता आदि मौजूद रहे।