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बीकानेर,राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवम् राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बीकानेर के द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गयी। जिसमें जिला मुख्यालय, बीकानेर एवम् प्रत्येक ताल्लुका नोखा / श्रीडूंगरगढ / कोलायत / लूणकरणसर / खाजूवाला मुख्यालय पर सभी प्रकृति के विवादों के निस्तारण व प्रि-लिटिगेशन और लम्बित प्रकरणों को समाहित करते हुए शमनीय दाण्डिक अपराध, अंतर्गत धारा 138, परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैक रिकवरी मामले, एमएसीटी मामले, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली व पानी के बिल (चोरी के अलावा) मजदूरी भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले, अन्य सिविल मामले किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) आदि का अधिकाधिक रूप से निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया गया।

न्यायाधीश प्रमिल कुमार माथुर, जिला एवम् सेशन न्यायाधीश, बीकानेर ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों में से कुल 11243 प्रकरण लोक अदालत में रखे गये। जिनमें 4245 प्रकरणों का लोक अदालत की भावना से निस्तारण हुआ तथा 100484150 राशि का अवार्ड पारित किया गया। इसके अलावा प्रि-लिटीगेशन के 13499 प्रकरण रखे गये जिनमें से 2036 प्रकरणों का निस्तारण लोक अदालत की भावना से होकर उनमें से 30562950 राशि का अवार्ड पारित किया गया। इस प्रकार कुल मिलाकर 24742 प्रकरण में 6281 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामें से हुआ। जिनमें कुल 131047100 का अवार्ड पारित हुआ।

मनोज कुमार गोयल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बीकानेर ने लोक अदालत बैंचों के सभी सदस्यों, अधिवक्तागण, समस्त बैंकों के मैंनेजर / अधिकारीगण, पक्षकारों, कर्मचारीगण का इस लोक अदालत के आयोजन में सकारात्मक भूमिका अदा करने के लिये धन्यवाद प्रकट किया एवम अपील की कि भविष्य में भी आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालतों में समाज का प्रत्येक वर्ग सकारात्मक योगदान देवें।

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