राजस्थान सरकार ने मदरसों में पढ़ने वाले 5वीं कक्षा के छात्रों की बोर्ड परीक्षा की फीस माफ करने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले का पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री और अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है, लेकिन सरकार को चाहिए कि वह शिक्षा के मंदिरों को तुष्टिकरण की राजनीति से दूर रखे.
मदरसों में पढ़ने वाले 5वीं कक्षा के छात्रों की फीस माफ
दरअसल प्रारंभिक शिक्षा विभाग के शासन उपसचिव मुकेश कुमार कायथवाल द्वारा जारी आदेश में साफ लिखा है कि सरकारी मदरसों में पढ़ने वाले पांचवीं कक्षा के छात्रों को परीक्षा शुल्क से मुक्त रखा जाए. इस आदेश पर पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने विरोध जताया है. उन्होंने कहा सिर्फ मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ही बोर्ड परीक्षा शुल्क से मुक्त करने का सरकार का फैसला तुगलकी है. उन्होंने कहा कि सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण के लिबास में लिपटे इस फैसले को तत्काल वापिस ले, वर्ना आगामी विधानसभा चुनाव में उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे.
तीन साल से प्रदेश में चल रहा मुस्लिम तुष्टिकरण का खेल
उन्होंने कहा कि सवा तीन साल से प्रदेश में धड़ल्ले से मुस्लिम तुष्टिकरण का खेला चल रहा है. राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दुओं के त्यौहारों पर धारा 144 लगा दी जाती है. रामनवमी और महावीर जयंती पर शोभायात्रा निकालने पर पाबंदी लगाई जाती है. दशहरा पर पर संघ के पथ संचलन को निकालने की अनुमति नहीं दी जाती, जबकि रमजान के महीने में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में बिजली नहीं काटने का आदेश दिया जाता है. उन्होंने कहा कि कोटा में एक मुस्लिम संगठन को मार्चपास्ट निकालने की अनुमति भी दे दी जाती है.
मुस्लिम छात्रों की फीस माफ करना तुष्टिकरण का जीता-जागता प्रमाण
देवनानी ने कहा कि गहलोत सरकार ने मुस्लिम तुष्टिकरण की सारी हदें पार कर दी हैं. निजी स्कूलों के छात्रों से फीस वसूली जा रही है जबकि मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों की फीस माफ हो रही है, यह मुस्लिम तुष्टिकरण का जीता-जागता प्रमाण है. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के मंदिरों को भी तुष्टिकरण की आग में झोंकने से नहीं चूक रही है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी तो सब एक समान होते हैं तो फिर केवल मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को फीस से मुक्त करना कहां का न्याय है. देवनानी ने कहा कि कांग्रेस के तुष्टिकरण का घड़ा अब पूरी तरह भर चुका है. प्रदेश की जनता अगले विधानसभा चुनाव में इसका जवाब देगी