जयपुर। राज्य के जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी के रेप केस मामले में सोमवार को पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा बयान आग में घी डालने का काम किया है जिसको लेकर विरोध शुरू हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक जैन बिट्टू पीसीसी अध्यक्ष के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ” एफआईआर अगर किसी कांग्रेस विरोधी के विरुद्ध दर्ज होती है तो राज्य में केवल वही दोषी कहलाता है, बाकी किसी कांग्रेसी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होती है तो वह दोषी नही होता।
अभिषेक जैन ने कहा की राज्य के एक मंत्री शांति धारीवाल बढ़ते रेप केस पर ” बलात्कारियों को मर्द ” बताते हुए बयान देते है। दूसरे मंत्री डॉ महेश जोशी का बेटा रोहित जोशी धारीवाल के बयान का अनुसरण करते हुए अपने आपको मर्द साबित करता है। वही अब पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के अनुसार ” एफआईआर दर्ज होने से कोई अपराधी नही ” होता। कांग्रेस नेता और मंत्रियों के बयान से साबित होता है कि वह रोहित जोशी के बलात्कार कांड और जान से मारने की धमकी के मामले को पूरी तरह से दबाना चाहते है और मामले को रफा-दफा करना चाहते है।
*पीसीसी अध्यक्ष से सवाल “अगर एफआईआर दर्ज होने से कोई आरोपी साबित नही होता है तो पीड़ित की पुलिस ने एफआईआर दर्ज राजस्थान में क्यो नही की, दिल्ली में ही क्यो हुई ?*
जैन ने पीसीसी अध्यक्ष के बयान के बाद गोविंद सिंह डोटासरा से सवाल करते पूछा कि ” अगर उनके अनुसार एफआईआर दर्ज होने से कोई आरोपी साबित नही होता है तो कांग्रेस सरकार के राज में राजस्थान में पीड़िता की शिकायत दर्ज हुई नही करवाई गई, क्यो पीड़िता को अपनी शिकायत के लिए दिल्ली के चक्कर लगाने पढ़ें, क्यो दिल्ली में एफआईआर दर्ज करवानी पड़ी ? क्या राजस्थान सरकार ने पुलिस प्रशासन को हिदायत दी हुई है कि अगर किसी मंत्री या मंत्री पुत्र के खिलाफ शिकायत आये तो कोई शिकायत दर्ज नही होगी।
*निष्पक्ष जांच के लिए मंत्री पुत्र को हिरासत में लेंवे और जांच होने तक मंत्री का इस्तीफा लेंवे या बर्खास्त करें सरकार*
अभिषेक जैन बिट्टू ने रोहित जोशी मामले में राजस्थान सरकार से मांग की है कि ” निष्पक्ष जांच के लिए सरकार मंत्री पुत्र को तत्काल हिरासत में लेंवे और जांच होने तक मंत्री का इस्तीफा लेंवे या बर्खास्त किया जाए। ” तभी मामले की हकीकत सामने आ सकेगी क्योकि पीड़िता ने मंत्री और मंत्री पुत्र दोनों पर आरोप लगाया है वह अपने पद पर होने की धमकी देते हुए जान से मारने की धमकी भी दे रहे है और दूसरा भंवरी कांड दोहराने की धमकी दे रहे है। ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और पीड़िता को सुरक्षा भी उपलब्ध करवानी चाहिए।