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बीकानेर,राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर में समाजशास्त्र के एसोसिएट प्रोफ़ेसर व संयुक्त राष्ट्र द्वारा भूमि संरक्षण हेतु प्रदत्त सर्वोच्च सम्मान लैंड फ़ॉर लाइफ़ अवॉर्ड से सम्मानित श्यामसुंदर ज्याणी संयुक्त राष्ट्र के विशेष निमंत्रण पर UNCCD COP-15 में भाग लेने पश्चिमी अफ्रीकी देश आइवरी कॉस्ट के लिए रवाना हुए । दिनांक 9 से 20 मई तक आयोजित राष्ट्रों के इस सम्मेलन में दुनियाँ के 197 देशों से राष्ट्राध्यक्ष, पर्यावरण मंत्री, विशेषज्ञ, उच्चाधिकारी, वैश्विक संस्थाओं के पदाधिकारी, बिज़नेस जगत की हस्तियाँ और मीडिया प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं । यह वैश्विक सम्मेलन भूमि संरक्षण और मिट्टी के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए आयोजित होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा सम्मेलन है जो सामान्यतया प्रति दो वर्ष के अंतराल पर आयोजित होता है लेकिन कोरोना के कारण इस बार तीन वर्ष के अंतराल पर आयोजित हो रहा है । इस सम्मेलन में हर दिन अलग-अलग गतिविधियाँ होंगी। प्रोफ़ेसर ज्याणी को 9 मई को राष्ट्राध्यक्षों व 10 मई को पर्यावरण मंत्रियों के उच्च स्तरीय सम्मेलन, 11 मई को बिज़नेस जगत की हस्तियों के सम्मेलन, 12 मई को फ़ूड डे, 13 मई को लैंड फ़ॉर लाइफ़ डे सहित 16 मई तक विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने हेतु विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है । वे यहाँ कृषि जैव विविधता पर आयोजित पैनल डिस्कशन में पैनलिस्ट के रूप में अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ रियो पेवेलियन में आयोजित विशेष चर्चा में शामिल होंगे। पारिवारिक वानिकी पर ज्याणी के विशेष उद्बोधन व प्रस्तुतीकरण के साथ -साथ संयुक्त राष्ट्र द्वारा भी पारिवारिक वानिकी पर विशेष डक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। ज्याणी को अफ़्रीका में संचालित पर्यावरण व भूमि संरक्षण गतिविधियों का फ़ील्ड विज़िट भी कराया जाएगा। विभिन्न विश्व नेताओं व हस्तियों के साथ द्विपक्षीय संवाद के अवसर के साथ -साथ इस सम्मेलन में ज्याणी को लैंड फ़ॉर लाइफ़ अवॉर्ड भी भौतिक रूप से प्रदान किया जाएगा क्योंकि पिछले साल चीन में आयोजित अवॉर्ड समारोह में कोरोना प्रोटोकोल के कारण ज्याणी व्यक्तिश: शामिल नहीं हो पाए थे इसलिए इस सम्मेलन में विशेष रूप से अवॉर्ड समारोह का आयोजन किया जा रहा है ।

उल्लेखनीय है कि लैंड फ़ॉर लाइफ़ अवॉर्ड के इतिहास में पहली बार यह सम्मान किसी विचार के विकास और उसके सफल धरातलीय क्रियान्वयन के लिए दिया गया है और यह बीकानेर व राजस्थान के साथ -साथ देश के लिए सुखद संयोग की बात है क़ि इस विचार का विकास और क्रियान्वयन धोरों के धुरंधर प्रोफ़ेसर ज्याणी द्वारा किया गया है ।
ज्याणी आज प्रातः 9:30 बजे बीकानेर रेलवे स्टेशन से रवाना हुए । रात को 2 :15 बजे दिल्ली से हवाई जहाज़ द्वारा अफ्रीकी देश इथियोपिया, टोगो होते हुए कल सांयकाल में आइवरी कॉस्ट की राजधानी अबिदजान पहुँचेंगे । रेलवे स्टेशन पर रवानगी के समय पारिवारिक वानिकी को आगे बढ़ाने वाले पर्यावरण प्रेमी शिक्षक भवर सांगवा , देवेंद्र जाखड़ , सुमित रूपानी , सुभाष गोदारा, कोजाराम सियाग , अल्ताफ अहमद ,पृथ्वी राज लेघा , हुकमाराम झोरड़, रघुवीर ज़ाखड़, धर्मवीर मान, गोपाल राम सैनी,राम निवास सारण,शारदा सारण, सोना कुमारी, राकेश मूंड, रामेश्वर सहारण, ज्याणी की पत्नी कविता, चचेरी बहन पूजा, बेटी अवनी व आहाना मौजूद रहे और पारिवारिक वानिकी लिख़ी ताख्तियों के साथ रवानगी देकर इस एतिहासिक पल को यादगार बनाया।

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