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बीकानेर,करौली, जोधपुर, नागौर और भीलवाड़ा में हुई उन्मादी घटनाओं के बाद सतर्क हुई बीकानेर पुलिस ने ऐसे लोगों की निगरानी बढ़ा दी है जो शांति सौहार्द बिगाड़ सकते है। इसके अलावा उन लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा है जो पूर्व में हुई उन्मादी घटनाओं में लिप्त रह चुके है। इतना ही नहीं किसी भी तरह की हिंसा या उपद्रव की आशंका को खत्म करने के लिए पुलिस ने सक्रिय होकर कार्ययोजना बनाने में जुट गई है। कार्ययोजना के तहत खुफिया पुलिस को पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया और ऐसे इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है, जहां मामूली विवादों को लेकर दो समुदायों में टकराहट हो सकती है। वहीं जिला पुलिस के अधिकारी थानों में सीएलजी मिटिंगे आयोजित कर शांति सद्भाव और कानून व्यवस्था बनाये रखने का पाठ भी पढ़ा रहे है। सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक सदभाव बिगाड़ने वाली खबरें वायरल करने वालों पर भी चौकस निगाह रखी जा रही है। पुलिस उनका भी डाटा इकट्ठा कर रही है जिन पर सोशल मीडिया के जरिए गलत मैसेज चलाने के बाद मामला दर्ज हो चुका है। जिलेभर के हिस्ट्रीशीटरों की सक्रियता / निष्क्रियता के अलावा संदिग्ध अवस्था में घूमने वालों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। साथ ही ऐसे  लोगों को पाबंद भी किया जा रहा है, जो किसी साम्प्रदायिक घटना के • कारण बन सकते हैं। इस सिलसिले में पुलिस मुख्यालय के निर्देश के  बाद जिला पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने सभी थानाधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कार्रवाई प्रतिदिन जिला स्तर पर समीक्षा की जा रही है। हालांकि बीकानेर जिले में शांति और सद्भाव कायम है लेकिन कई मौके पर छोटे मोटे विवादो और अपराधिक घटनाओं को साम्प्रदायिक देने तूल के कारण हालात बिगड़ने की घटनाएं सामने आ चुकी है। ऐसे में पुलिस अलर्ट होकर कार्यवाही करने में जुटी है।

बीकानेर में गजनेर रोड़, भुट्टो का कब्रिस्तान के पास एक धार्मिक स्थल को लेकर दो पक्षों के बीच तनातनी हो चुकी है। गोगागेट इलाके में सारस्वत छात्रवास को लेकर एक बार दो पक्षों के बीच टकराहट हो गई. थी। राजीव गांधी मार्ग पर बनी मजार के पास भैरूजी प्रतिमा स्थापित करने के विवाद ने भी पिछले साल तूल पकड़ लिया था। इसके अलावा श्रीडूंगरगढ़ कस्बा भी कुछ साल पहले साम्प्रदायिक उन्माद की आग में झुलस चुका है।

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