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श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक किशनाराम नाई ने प्रदेश के लोगों की पानी, बिजली, कानून व्यवस्था और किसानों की स्थिति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए राज्य की गहलोत सरकार को हर मोर्चे पर नाकामयाब और विफल बताया। उन्होंने वर्तमान कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार ने चुनाव से पहले किसानों से दस दिन के भीतर कर्ज माफ करने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया था मगर आज तक एक भी किसान का कर्ज माफ नही किया गया है। अलवर के राजगढ़ में तीन सौ वर्ष पुराने मन्दिर को तोड़े जाने को उन्होने राज्य सरकार द्वारा एक समुदाय विशेष को निशाना बनाकर लोगों की धार्मिक भावना को आहत करना बताते हुए इसे तुष्टीकरण की राजनीति कर वोट बैंक को खुश करने की ओच्छी मानसिकता करार दिया। पूर्व विधायक ने कहा कि अभी किसानों की फसल बिजाई का समय चल रहा हैं ऐसे समय में सरकार द्वारा बिजली की कटौती की जाकर किसानों की बिजाई में रूकावट पैदा की जा रही है। समय पर बिजाई नही कर पाने से कर्ज के बोझ तले दबा किसान पूरी तरह बरबाद हो जायेगा। भीषण गर्मी में लोगों को पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं हो रहा है। गरीब लोग बून्द बून्द पानी के लिए तरस रहे हैं और महंगे दामों पर टेंकर मंगवाने को मजबूर है। राज्य में बेरोजगारी से परेशान यूवा आत्महत्याए कर रहे है और सरकार आपसी गुटबाजी की अपनी समस्या के कारण प्रदेश की स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।कोविड की विषम परिस्थितियों में जिन कोरोना वारियर्स ने अपनी जान को दाव पर लगाते हुए 24 घंटे जनता की सेवा की उन कोविड स्वास्थ्य सहायकों की सेवायें समाप्त कर सरकार ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है। आज इस गर्मी के मौसम में पिछले एक महिने से प्रदेश के स्वास्थय सहायक धरने पर बैठे हैं मगर सरकार के कानों पर जूं भी नहीं रेंग रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। छोटी छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार हो रहें है। शिक्षा के मन्दिर जैसी जगहों पर बालिकाओं के साथ गलत हरकतें हो रही है। भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है। प्रदेश की हर भर्ती परीक्षा का पेपर सरकारी स्तर पर लीक किया जा रहा हैं सवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता भी भंग हो चुकी है जिससे बेरोजगार युवा आहत है। रीट परीक्षार्थियों का हौसला बढ़ाने हेतु सभी समुदाय के लोगों ने बिना किसी भेदभाव के परीक्षार्थियों के रहने, खाने व परीक्षा केन्द्रो तक पहुंचाने की व्यवस्था की मगर सचिवालय और शिक्षा संकुल में बैठे सरकार के दलालों से परीक्षा से पहले ही पर्चा लीक व नकल को हथियार बनाकर अपने चहेतों को फायदा पहुंचाकर करोड़ो का कारोबार कर लिया। योग्य बेरोजगार अब पूरी तरह निराश हो चुका है। गरीब आदमी दर दर की ठोकर खा रहा हैं मगर कहीं कोई सुनने वाला नहीं हैं, सरकार को जनता की चिन्ता नही है उसे तो अपनी डूबी हुई कांग्रेस पार्टी और राहूल सोनिया की चिन्ता सता रही है। प्रदेश की सरकारी मशीनरी उदयपूर में चिन्तन शिविर के आयोजन में लगा रखी है। जनता की समस्याओं की चिन्ता के लिए शिविर लगाना उनकी सोच में नहीं हैं। राज्य में अराजकता का माहोल हैं और प्रदेश अपराधियों की शरणस्थली बन चुका है। पूर्व विधायक किशनाराम नाई ने चेतावनी देकर कहा कि प्रदेश सरकार ने अगर जनता की सुदबुध नहीं ली तो वे जनता के हक में आगामी दिनों में उग्र आंदोलन करेंगें।

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