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बीकानेर आज अपना 535 वां जन्मदिन मना रहा है।अल्हड़ अलबेला मस्ताना शहर अपने संस्थापक राव बीका के हठ को आज भी अपने स्वभाव में थामे हुए है। राव बीका अपने पिता जोधपुर के शासक राव जोधा के ताने को चुनौती मान अपने काका राव कांधल के साथ राज बनाने निकले तो रेतीले धोरो को फतेह करते इस इलाके में आ पहुंचे । जहां मां करणी के आशीर्वाद और प्रेरणा से विक्रम संवत् 1545 में एक भेड़पालक किसान नेरा के कहे स्थान पर इस नगर की नींव थरपी।

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बीकानेर स्थापना दिवस पर बीकानेर इतिहास की विशेष जानकारी,आप भी जाने

1. बीकाजी का जन्म 5 अगस्त 1438 में जोधपुर में हुवा! इनके पिता राव जोधा व माता रानी नौरंगदे थी!

2. आसोज सुदी 10, संवत 1522, सन 1465 को बीकाजी ने जोधपुर से कूच किया तथा पहले मण्डोर पहुंचे !

3. राव बीका ने दस वर्ष तक भाटियों का मुकाबला किया मगर कुछ लाभ नहीं होता देख संवत 1442 में वर्तमान बीकानेर में आगये!

4. बीकानेर का पुराना नाम “जांगळ प्रदेश “, तथा “विक्रमाखण्ड”, “विक्रम नगर” या ” विक्रम पुरी” था !

5. बीकाजी की शादी करणी माता की उपस्थिति में पूगल के राव शेखा भाटी की पुत्री ” रंगकंवर ” के साथ हुई !

6. बीकाजी ने करणी माता के हाथों विक्रम संवत 1542 में वर्तमान लक्ष्मीनाथ मन्दिर के पास बीकानेर के प्रथम किले की नींव रखी ! जिसका प्रवेशोत्सव संवत 1545, वैशाख सुदी 2, शनिवार को मनाया गया!

7. बीकाजी की मृत्यु आसोज सुदी 3 संवत 1561, सन् 1504 को हुई!

8. बीकानेर में राव बीकाजी से लेकर महाराजा नरेन्द्र सिंह तक कुल 24 शासक हुवे!

9. महाराजा प्रताप सिंह बीकानेर के सबसे कम उम्र के शासक बने, जब ये शासक बने तब इनकी आयु मात्र 6 वर्ष की थी !

10. महाराजा दलपत सिंह जी सबसे अधिक आयु के शासक बने, जब शासक बने तब इनकी आयु 46 वर्ष, 11 माह थी!

11. बीकानेर पर सबसे कम समय तक राज करने वाले “महाराजा राजसिह ” थे जिन्होंने सिर्फ 21 दिन राज किया!

12. बीकानेर में सबसे अधिक समय तक राज महाराजा गंगासिंह जी ने किया, इनका कार्यकाल 55 वर्ष, 5 माह और 2 दिन रहा !

13. बीकानेर का जूनागढ़ संवत 1645 में बनना शुरू हुआ और संवत 1650 में बन कर तैयार हुवा, जिसे महाराजा रायसिंह ने बनवाया था! जिसका जिम्मा महाराजा ने अपने दिवान करमचन्द बच्छावत को सौंपा था! जो बाद में रायसिंह से बगावत कर अकबर के साथ मिल गया था!

14. जूनागढ़ किले की परिधि 1078 गज है ! परकोटे की दिवारें 14.5 फुट चौड़ी तथा 40 फुट ऊंची है !

15. बीकानेर में सर्व प्रथम सिक्के ( मुद्रा ) सन् 1446-87 में महाराजा गजसिंह ने ढलवाये! यह कार्य महाराजा डूंगरसिंह जी तक जारी रहा, फिर बन्द होगया!

16. बीकानेर में सर्व प्रथम रेल 9 दिसम्बर सन् 1898 को ” चीलो ” से बीकानेर तक चली, जिसकी लम्बाई 47.75 मील थी!

17. बीकानेर में 5 दरवाजे है,
(1) कोट गेट, (2) जस्सुसर गेट, (3) नत्थुसर गेट, (4) गोगा गेट तथा शीतला गेट! वर्तमान में (6) विश्वकर्मा गेट और बन गया है !

18. बीकानेर में 6 बारी (छोटे दरवाजे ) है
(1) ईदगाह बारी (जिसे वर्तमान में “धर्म नगर द्वार ” कहते हैं, (2) बेणीसर बारी, (3) पाबू बारी, (4) कसाई बारी, (5) हमालों की बारी तथा (6) पाबू बारी है! वर्तमान में कुच्छेक और बन गई है!

19. गोगा गेट रो पहले दिल्ली का दरवाजा कहते थे, जिसकी स्थापना 12 अगस्त 1738 को हुई !

20. जस्सुसर गेट को पहले ” यशवंत सागर दरवाजा ” कहते थे, ( पुरातन विभाग में इसका उल्लेख ” जसवंत गेट” के नाम से मिलता हैं!

21. नत्थुसर गेट का नाम पहले ” गणेश दरवाजा ” था !
22. “जंगलधर शाह (जंगलधर बादशाह की उपाधी तत्कालीन राजपूत राजाओं ने बीकानेर के बादशाह करणसिंह को दी थी!

23. सन् 1896 में पलाना के पास बरसिंहसर गांव में कोयला होने का पता चला!
24.रिहासत कालीन परंपरा का निर्वहन करते हुए बीकानेर के पूर्व महाराजा डॉ करणीसिंह जी ने लोकतांत्रिक व्यवस्था में बीकानेर लोकसभा सीट से 5 बार सांसद रह कर जनता की सेवा की।
25.उसी परम्परा को निभाते हुए पूर्व महाराजा डॉ करणीसिंह  की पोती और महाराजा नरेंद्र सिंह की बेटी राजकुमारी सिद्धिकुमारी  बीकानेर (पूर्व) विधानसभा से लगातार तीसरी बार विधायक रहते हुए अपने पूर्वजों के पदचिह्नों पर चलते हुए बिना दिखावे के जनता की सेवा कर रही है।

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