बीकानेर,बिजली कटौती से आमजन ही नहीं पशु-पक्षी भी बेहाल है। हर दिन तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। प्रचंड गर्मी में एसी-कूलर तक फेल हो रहे हैं। लोग गर्मी से बचने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। झुलसाने वाली इस गर्मी में बिजली कटौती कोढ़ में खाज का काम कर रही है। गर्मी के कारण सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को सर्वाधिक परेशान होना पड़ रहा है। वार्डों में पखों से गर्म हवा और उमस से मरीजों का हाल-बेहाल है। शुक्रवार को सुबह हुई बिजली कटौती ने खासा परेशान किया। वार्डों में अंधेरा छा गया। पंखे व कूलर बंद होने से मरीजों के परिजनों को हाथ पंखे से हवा डालनी पड़ी। कैंसर अस्पताल, टीबी अस्पताल, ट्रोमा सेंटर, पीबीए मर्दाना के विभिन्न वार्डों में गर्मी से मरीजों की हालत खराब रही। कई वार्डों में कूलर लगाए गए हैं तो कइयों में कूलर बंद पड़े हैं।
बिजली कटौती के कारण कई लोगों के मोबाइल बंद रहे। बिजली के अभाव में कई लोग अपने मोबाइल तक चार्ज नहीं कर सके, जिससे भी परेशानी उठानी पड़ी। हालात यह रहे कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को थड़ी व चाय की दुकानों पर दस-दस रुपए देकर मोबाइल चार्ज करने पड़े। वहीं रात में पानी न मिलने पर मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
पीबीएम सहित शहर के सभी अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ रहे हैं। एसपी मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को पीबीएम का मेडिसिन आउटडोर 1200 रहा। हर दिन 110 से 125 मरीज भर्ती हो रहे हैं। वर्तमान में सर्वाधिक बुखार व निमोनिया के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। गर्मी से मरीजों को बचाने के लिए विशेष प्रबंधन किए जा रहे हैं। पीबीएम अधीक्षक को पत्र प्रेषित कर लू-तापघात के मरीजों के लिए दवा व उपकरणों की व्यवस्थाा कराने के संबंध में अवगत करा दिया गया है।
मौसमी बीमारियों जैसे लू-तापघात, उल्टी-दस्त, बुखार जैसी बीमारियों के लिए पीबीएम में मेडिसिन आपातकालीन के पास वाले वार्डों को आरक्षित कर दिया गया है। वार्ड में 30 बैड हैं। सेंट्रलाइज ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, बीपी उपकरण, नेबुलाइजर, ऑक्सोप्लस मीटर सहित अन्य उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्थसा हैं।