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बीकानेर,राजकीय डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर में आज संस्कृत विभाग द्वारा मन्त्र और हमारी मनोकामनाएँ विषयक व्याख्यान रखा गया। पं. मदन मोहन पुरोहित ने विविध उदाहरणों द्वारा बताया कि मन्त्रों से हम अपनी विविध मनाकामनाओं को पूर्ण कर सकते हैं।

ऊँ गंः गणपतये नमः मन्त्र का दस हजार जाप करने से सभी मनोकामनाएँ पूरी होती है। गरूड पुराण के अनुसार लसद्विजिह्वास स्वाह मन्त्रोच्चारण करते हुए कृषि करते है तो कृषि कार्य में विघ्न नहीं आते तथा फसल भी अच्छी होती है।
ऊँ एंे ह्नीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मन्त्र से कुलदेवी प्रसन्न होती हे। जिससे घर परिवार में खुशहाली होती है, ऐसा मार्कण्डेय पुराण में बताया गया हे।
डॉ. नन्दिता सिंघवी ने बताया कि मन्त्र पूर्णतः ध्वनि विज्ञान पर आधारित हैं और ध्वनि के चमत्कारों को वैज्ञानिक मान्यता मिल चुकी है। किसी शक्तिशाली मन्त्र का जप करने से व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा और शक्तियों से जुड़ता है। प्रत्येक मऩ्त्र एक अलग विशेष ध्वनि उत्पन्न करता है और वह ध्वनि कभी नष्ट नहीं होती। ऊँ, ह्नीं, श्रीं आदि एकाक्षरी मन्त्र अपना विशेष महत्व रखतेे हैं। ऊँ ओम् का उच्चारण करने से ध्वनि मूलाधार चक्र से प्रारम्भ होकर अन्तिम सहस्रधार चक्र पर समाप्त होती है और ये सारे चक्र खुलने लगते हैं। ऊर्जा मस्तिष्क की ओर बढ़ने लगती है। सत्र पर्यन्त आयोजित गतिविधियों का प्रतिवेदन डॉ. श्यामा अग्रवाल ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर संस्कृत विभाग में आयोजित श्लोक पाठ प्रतियोगिता, संस्कृत निबन्ध प्रतियोगिता और संस्कृत श्लाकों पर आधारित पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र राजकीय डूंगर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी.पी. सिंह एवं बज्जू महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रंजन शर्मा के द्वारा प्रदान किये गये।
श्लोक पाठ प्रतियोगिता मंे प्रथम स्थान पर मनीषा बिट्ठू द्वितीय स्थान पर अनुराधा शर्मा और तृतीय स्थान पर रश्मि खत्री रही।
संस्कृत निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अनुराधा शर्मा ने द्वितीय स्थान सोनिया टाक तथा तृतीय स्थान मनीषा बिट्ठू ने प्राप्त किया।
पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अनुराधा शर्मा तथा द्वितीय स्थान पूजा आचार्य एवं तृतीय स्थान मनीषा बिट्ठू ने प्राप्त किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य महोदय ने संस्कृत विभाग की गतिविधियों की सराहना की।
कार्यक्रम का संयोजन और संचालन डॉ. नन्दिता सिंघवी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विक्रमजीत ने दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ. साधना भण्डारी, डॉ. राजरानायण व्यास, डॉ. राजकुमार ठठेरा, डॉ. सीताराम चाहलिया, डॉ. ओम प्रकाश आदि उपस्थित रहें।

 

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