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राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत तक होने है, लेकिन इस बीच पायलट गुट के पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा ने बड़ा बयान देकर सियासी पारा चढ़ा दिया है। रमेश मीणा ने कहा कि वह पायलट गुट के मंत्री नहीं है।डूंगरपुर में रमेश मीणा ने कहा कि वह कांग्रेस खेमे से है। गहलोत-पायलट खेमे से नहीं है। उल्लेखनीय है कि साल 2020 में जब पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत के समय गुड़गांव के एक होटल में बाड़ाबंदी में मंत्री रमेश मीणा भी शामिल थे। करौली के सपोटरा से विधायक मंत्री रमेश मीणा पायलट गुट के माने जाते हैं। लेकिन जिस तरह मंत्री रमेश मीणा ने बयान दिया है। वह काफी चौंकाने वाला माना जा रहा है।

मंत्री रमेश मीणा बोले- वह सिर्फ कांग्रेस खेमे से

रमेश मीणा ने डूंगरपुर में कहा कि वह सिर्फ कांग्रेस खेमे से है। उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व तय करता है, वही चलता है। इसमें ज्यादा वक्तव्य देना नहीं है, सिर्फ इतना ही कहूंगा कि कांग्रेस एक है और हम सबको मिलकर एक ही काम करना है कि वर्ष 2023 में कांग्रेस वापस राजस्थान में रिपीट हो। इसी धारणा पर कांग्रेसी नेता व पार्टी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग में किसी भी प्रकार का करप्शन बर्दाश्त नहीं करेंगे। कोई दोषी अधिकारी हो या जनप्रतिनिधि हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। हमारी यही मंशा है कि सरकार की जो भी कल्याणकारी योजना बनी है, उसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और उसका विकास हो, क्षेत्र का विकास हो।

केंद्र सरकार से 2100 करोड़ रुपये की डिमांड

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा ने मनरेगा में बजट की आ रही परेशानी पर कहा कि पूरे प्रदेश में बजट की कमी चल रही है। राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश के लिए 2100 करोड़ की डिमांड भेज रखी है। इस संबंध में केन्द्रीय ग्रामीण मंत्री से मुलाकात भी हुई थी, जिसमें उन्होंने अप्रैल माह तक बजट मिलने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक बजट नहीं मिला है। बजट नहीं होने से जहां मनरेगा योजना से जुड़े लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं विकास बाधित हो रहा है।

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