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बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में लगभग 1700 ऐसी दवाइयों की सूची तैयार की थी जो हॉस्पिटल में उपलब्ध नहीं है। हॉस्पिटल के पास इतनी दवाइयां लोकल परचेज करने का पैसा और पॉवर भी नहीं। ऐसे में 10 दिन की कवायद के बाद इनमें से भी 200 ऐसी दवाइयों की सूची बनाई गई हैं जो हर हाल में अत्यधिक जरूरी यानी इमरजेंसी मेडिसिन हैं।

मतलब यह कि जान बचाने के लिए कम से कम ये दवाइयां तो हर वक्त, हर हाल में मिलनी ही चाहिए। हैरानी यह है कि अब इन 200 दवाइयों की स्थानीय खरीद की प्रक्रिया यानी रेट कांट्रेक्ट किया जाएगा। यह मशक्कत पूरी होने में पांच से सात दिन लग सकते हैं। इसके बाद आपूर्ति होने में भी इतने ही दिन लगेंगे। इस बीच हॉस्पिटल प्रशासन हर दिन महज दो लाख रुपए की दवाइयां अपने बूते खरीद सकता है। स्थिति यह हो गई है कि हॉस्पिटल के स्टॉक में दवाइयां-सुइचर नहीं। खरीद के लिए प्रक्रिया चलेगी। ऐसे में मरीज चाहे कितना भी गंभीर हो उसे बाजार से दवाई लाने की पर्ची नहीं दी जाएगी । जाहिर है जितनी दवाइयां उपलब्ध हैं, उन्हीं से इलाज हो रहा है।

रोजाना 2 लाख तक की दवाएं ही खरीद सकता है पीबीएम प्रशासन 200 दवाइयां लिस्टेड कर खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बाहर से दवाई नहीं मंगवा रहे जरूरत की सभी दवाइयां लोकल परचेज कर रहे हैं। अर्जेंट-टेम्परेरी आधार पर नर्सेज-फार्मासिस्ट नियुक्ति के मानदंड का पत्र सीएमएचओ को भेजा है। जल्द नियुक्ति होगी। – डॉ. पी. के. सैनी, सुपरिटेंडेंट पीबीएम हॉस्पिटल

पर्ची पर चार दवाइयां लिखी, एक भी नहीं मिली : यह बच्चा हॉस्पिटल की पर्ची है। इसमें चार दवाइयां लिखी गई हैं, एक भी नहीं मिली। हैरानी इस बात यह है कि चारों दवाइयां गर्मीजनित बीमारी में दी जाने वाली यानी उल्टी-दस्त, पेटदर्द होने पर दी जाने वाली है। सामान्य टेबलेट रेनिटिडाइन से लेकर मेट्रोनिडेजोल इनमें शामिल हैं।

पीबीएम हॉस्पिटल में सेवाएं सुधारने के लिए 435 नर्सेज और 19 फार्मासिस्ट तुरंत नियुक्त करने की जरूरत बताई गई है। जिला कलेक्टर ने इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को आवेदन आमंत्रित करने के लिए कहा है। स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को ही नियुक्त होने वाले कर्मचारियों की योग्यता के मानदंड बताने को कहा है। एसे में एक-दो दिन में यह प्रक्रिया पूरी होने पर आवेदन लिए जाएंगे। इसके साथ हॉस्पिटल में छह दवा वितरण केन्द्र फिर से चालू करने का निर्णय हुआ है।

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