बाड़मेर, पश्चिमी राजस्थान सौर ऊर्जा हब बन गया है। देश के कई नामी कंपनियां यहां पर सौ प्लांट लगा रही हैं, जिनसे पांच हजार मेगावाट बिजली मिल सकेगी। वर्तमान में पश्चिम राजस्थान का इलाका तीन हजार मेगावाट बिजली मुहैया करवा रहा है।सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए कंपनियों ने बाड़मेर, जालोर, जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर को चुना है। इन जिलों में करीब 12 हजार मेगावाट के सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं।
रेगिस्तानी इलाके में गर्मियों में अधिकतम पारा 50 डिग्री के करीब रहता है। ऐसे में सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के लिए पश्चिमी राजस्थान के इन पांच जिलों को भारत सरकार ने सौर परियोजना लगाने के मिशन के तौर पर चयन किया है।
सब कुछ योजनानुसार हुआ तो वो दिन दूर नहीं जब राजस्थान देश में सबसे अधिक सौर ऊर्जा उपलब्ध करवाने का राज्य बन जाएगा। देश का सबसे बड़ा सोलर पार्क जोधपुर के भड़ला में स्थापित हुआ है।बाड़मेर-जैसलमेर में दूर-दूर तक फैले अथाह रेत के टीलों की फिजां अब बदलने लगी है। पहले तेल गैस उत्पादन के भंडार मिले और अब ऊर्जा उत्पादन में भी देश में टॉप बनने की ओर अग्रसर हो रहा है।
बाड़मेर-जैसलमेर और जोधपुर में प्रदेश के जोधपुर में स्थित भड़ला सोलर पार्क हो गया है। यहां सोलर पार्क 14 हजार एकड़ यानी करीब 50 हजार वर्ग किमी में फैला है तथा यहां पर 18 बड़ी कंपनियों के 36 सोलर प्लांट लगे हुए हैं। 2245 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में करीब सौ कंपनियां बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर, जालोर में सोलर प्लांट लगाने के लिए जमीन तलाश रही हैं। बाड़मेर के शिव और जैसलमेर के पोकरण, फतेहगढ़, भणियाणा इलाके में सबसे ज्यादा सोलर प्लांट के लिए जमीन अवाप्त हो रही है।
कहां कितने मेगावाट का प्लांट?
जोधपुर में 3150
जैसलमेर 4435
बाड़मेर में 3150
बीकानेर में 2100
जालोर में 2000