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जयपुर/नई दिल्ली. राजस्‍थान के कांग्रेस नेता सचिन पायलट  ने पार्टी को नई चिंता में डाल दिया है. पायलट ने पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से पिछले कुछ हफ्तों में 3 बैठकें की है और अब साफ कह दिया है कि पार्टी बिना देरी किए उन्‍हें राजस्‍थान का मुख्‍यमंत्री बनाएं.यह जानकारी गुरुवार को सूत्रों ने दी है. हालांकि कहा गया है कि राजस्‍‍‍‍थान के उदयपुर में 13-15 मई को ‘चिंतन शिविर’ या आत्मनिरीक्षण बैठक के बाद तक इस निर्णय को टाल दिया है. राज्य में अपनी हालिया चुनावी हार के बाद कांग्रेस द्वारा घोषित बड़े कदमों में से एक यह बैठक में पूरी तरह से मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत के ही छाए रहने की उम्मीद है.

सूत्रों ने बताया कि सचिन पूरे एक साल से अधिक समय के लिए मुख्‍यमंत्री बनना चाहते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो कि पार्टी सत्‍ता में लौट सके. सूत्रों ने कहा कि सचिन ने सोनिया और प्रियंका गांधी से साफ कह दिया है कि राजस्‍थान भी पंजाब की तरह बुरी तरह हार सकता है. पंजाब में देरी से हुए निर्णय के कारण चरणजीत सिंह चन्‍नी की मुख्‍यमंत्री के पद पर अंतिम समय में नियुक्ति की गई थी. राजस्थान में दिसंबर 2023 में चुनाव होने हैं. ऐसे में सचिन पायलट ने अपनी बात पार्टी के प्रमुख के सामने रख दी है. दरअसल, दो साल पहले, पायलट ने जब सीएम के पद के लिए अपनी दावेदारी की थी तो उन्‍हें 18 विधायकों का साथ मिला था. वहीं प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत को अपने विधायकों को लेकर रिसॉर्ट में रहना पड़ा थाइधर, मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत हर साबित कर चुके हैं कि वे सत्‍ता में बने रहने के लिए सब कर सकते हैं. उन्‍हें पार्टी अध्‍यक्ष का तो दूसरी तरफ वे कांग्रेस के अधिकांश विधायकों का समर्थन हासिल है. दिल्‍ली जाते समय भी मुख्‍यमंत्री ने साफ कहा था कि ‘ मेरा इस्‍तीफा हमेशा सोनिया गांधी के पास है. इस बार सचिन पायलट भी अवसर खोना नहीं चाहते. सूत्रों ने बताया कि पायलट पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव और राजस्‍थान कांग्रेस प्रमुख के पद का ऑफर ठुकरा चुके हैं. उनकी जिद है कि पार्टी उन्‍हें बिना देर किए सीएम बनाएं.

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