भोपाल, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने प्रशांत किशोर के कांग्रेस में नहीं शामिल होने पर कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज बताया है। आपको बता दें कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करके बताया कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया हैl आपको बता दें कि बीते कई दिनों से अटकलें थी कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, लेकिन रणदीप सुरजेवाला के ट्वीट ने इस सस्पेंस को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।Congress में शामिल नहीं होंगे Prashant Kishor, Randeep Surjewala ने दी जानकारी | वनइंडिया हिंदी
रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करके जानकारी देते हुए बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर के साथ बैठक के बाद लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए एक समिति का गठन किया था। प्रशांत किशोर को समिति के सदस्य के रूप में पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। सुरजेवाला ने आगे कहा कि हम पार्टी को दिए गए उनके प्रयासों और सुझावों की सराहना करते हैं।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में नहीं शामिल होने के निर्णय के बाद भाजपा के दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस पार्टी पर तंज कसना शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रशांत किशोर जी एक योग्य व्यक्ति हैं और कांग्रेस पार्टी डूबता हुआ जहाज है, जिसकी सवारी कोई नहीं करना चाहता है। वैसे भी कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह जी पीके की कांग्रेस में एंट्री से घबरा रहे थे और अब खुश होंगे।
बता दें कि हाल ही में प्रशांत किशोर ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के समक्ष एक प्रेजेंटेशन पेश किया था। इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक समिति बनाई थी। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी थी। और सोनिया गांधी को इस पर अंतिम फैसला करना था। हालांकि अब कांग्रेस में पीके ( प्रशांत किशोर) की एंट्री पर विराम लग गया है।
चुनावी विशेषज्ञों की मानें तो कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने दम पर बीजेपी को हराने की स्थिति में नहीं है। केंद्र की सत्ता पर कांग्रेस का दावा तभी मजबूत हो सकता हैं जब वह अपने दम पर 100 से ज्यादा सीटें जीत कर लाएं ऐसे में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में गठबंधन के साथ लोकसभा चुनाव लड़ने का सुझाव दिया था। पीके का प्लान था कि कांग्रेस को उन राज्यों में गठबंधन के साथ उतरना चाहिए यहां पर क्षेत्रीय दल मजबूत है।