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बीकानेर,राजस्थान सरकार द्वारा ताल छापर अभ्यारण्य का क्षेत्र घटाए जाने का निर्णय लिया गया है जो की संज्ञान में आया है जिसका वर्तमान क्षेत्रफल 820 हेक्टेयर है को हटाकर 3 किलोमीटर तक सिमित करने जा रही है । ये देश का सबसे बड़ा अभ्यारण्य है जो राजस्थान के लिए गर्व व गौरव की बात है ।अभ्यारण्य में वन्य जीव कृष्ण मृग, चिंकारा इस वक्त 3500 की तादाद में शरण लिए हुए हैं । वन्य जीव विशेषज्ञ के अनुसार एक हिरण करीब 10 से 15 किलोमीटर तक भोजन की तलाश में विचरण करता है । वर्तमान 820 हेक्टेयर भूमि भी वन्य जीवों के लिए कम है उसी को और कम करने से इस क्षेत्र में आने वाले दिनों में वन्य जीव देखने को नही मिलेंगे वंही आस पास के खेतों से इनको खेदेडे जाने पर ये अभ्यारण ही इनका शरणगाह है वहीं पास के राज्यो से घायल हिरणों को भी यहीं छोड़ा जाता है । क्षेत्र को घटाए जाने के पीछे मूल कारण खनन गतिविधियों को शुरू किए जाने का ध्येय है । जो यंहा के वन्यजीवों को खत्म करने व पुस्तकों में इतिहास बनाने का काम होगा इसी आशय को लेकर भाजपा संकल्प से सिद्धि अभियान के सम्भाग संयोजक व पशु क्रुरता निवारण समिति के पूर्व अध्यक्ष श्रेयांस बैद ने केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव , पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पूर्ण जानकारी देकर अवगत करवाया है ।

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