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जोधपुर: सरकार ने शिक्षकों को निगरानी में लगाया।आगामी 3 मई को अक्षय तृतीया (आखातीज) और 16 मई को पीपल पूर्णिमा पर बाल विवाह की आशंका को देखते हुए सरकार ने कदम उठाया है। शिक्षा विभाग ने पहले करते हुए अब परिस्थितियां बाल विवाह जैसी हुई तो टीचर्स के माध्यम से इसे रोकने का बीड़ा उठाया है।

आखातीज और पीपल पूर्णिमा के आसपास अगर बच्चे बिना बताए स्कूल नहीं आए तो टीचर्स उनके अभिभावकों को फोन करेंगे और पूछेंगे कि आपका बच्चा स्कूल क्यों नहीं आ रहा है? अगर शक की सुई घूमी तो टीचर्स बच्चों के घर जाकर भी पता करेंगे कि कहीं बाल विवाह की वजह से तो बच्चे अवकाश पर नहीं हैं।

*पैरेंट्स बहाना बना बच्चों को छुट्टी नहीं दिला सकेंगे*
बाल विवाह की वजह से कई बार पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते। अबूझ सावों के आसपास अभिभावक अब अपने बच्चों को बहाना बनाकर छुट्टी नहीं दिला सकेंगे। टीचर्स को अगर लगा कि बाल विवाह हो सकता है तो वे उनके घर पहुंच जाएंगे और पता करेंगे कि कहीं बच्चों का विवाह तो नहीं हो रहा है।

*अबूझ सावों पर बड़ी संख्या में होते हैं बाल विवाह*
आखातीज-पीपल पूर्णिमा पर प्रदेश में बड़ी संख्या में बाल विवाह होते हैं। अक्सर इसकी वजह से बच्चे कुछ दिन पहले स्कूल आना बंद कर देते हैं। ऐसे में शिक्षक पहली से लेकर 12वीं तक स्कूल आने वाले हर बच्चे पर नजर रखेंगे। वे एक या दो दिन नहीं आए तो उनके घर टीचर खुद जाएंगे और उनके बारे में पूरी जानकारी लेंगे।

*अभिभावकों को किया जाएगा जागरूक*
शाला प्रबंधन समिति व अभिभावकों की संयुक्त बैठक लेकर अभिभावकों को बाल विवाह के दुष्परिणाम बताकर जागरूक किया जाएगा। बच्चों को भी बाल विवाह से बचने के लिए तैयार किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर पुलिस की मदद ली जाएगी और शिक्षकों को कहीं बाल विवाह की सूचना मिलती है तो हेल्प लाइन नंबर 1098 और प्रशासन को अवगत करवाएंगे।

टीचर्स गैर हाजिर रहने वाले स्टूडेंट्स से संपर्क रखेंगे। कोई स्टूडेंट स्कूल नहीं आया तो वे घर जाकर पता करेंगे कि बाल विवाह तो नहीं हो रहा -डॉ.भल्लूराम खीचड़, सीडीईओ, जोधपुर

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