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बीकानेर: समान परीक्षा 28 अप्रैल से 10 मई तक, पेपर वितरण शुरू 9वीं-11वीं कक्षा की समान परीक्षा 28 अप्रैल से शुरू होगी। शिक्षा विभाग ने शनिवार से समान परीक्षा के पेपर वितरण का काम शुरू कर दिया है। ब्लॉक वार वितरण केंद्रों से प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को शनिवार को पेपर वितरित किए गए। लेकिन पेपर लेने के लिए प्राइवेट स्कूलों पर शिविरा पत्रिका लेने का दबाव बनाया जा रहा है।

सभी प्राइवेट स्कूलों से शिविरा पत्रिका का 300 रुपए वार्षिक सदस्यता शुल्क मांगा जा रहा है। जो स्कूल सदस्यता शुल्क जमा नहीं करवा रहा उसे समान परीक्षा के पेपर भी नहीं दिए जा रहे हैं। सदस्यता शुल्क में भी शिक्षा विभाग ने दोहरा पैमाना अपनाया है। जहां सरकारी स्कूलों से सदस्यता शुल्क 200 रुपए लिया जा रहा है।

वहीं प्राइवेट स्कूलों से 100 रुपए अधिक वसूले जा रहे हैं। जिसका प्राइवेट स्कूल संचालक विरोध कर रहे हैं। उधर, शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षा विभाग की मासिक पत्रिका शिविरा की सदस्यता बढ़ाने के लिए शिक्षा निदेशालय की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं।

शिविरा पत्रिका की वार्षिक सदस्यता राशि राज्य के सभी स्कूलों से ली जा रही है। विदित रहे कि पिछले साल समान परीक्षा के शुल्क में शिक्षा विभाग ने ढाई गुना बढ़ोतरी की थी। समान परीक्षा के शुल्क को 10 रुपए से 25 रुपए तक बढ़ाया गया था। विरोध होने के बाद शिक्षा विभाग को आदेश वापस लेने पड़े थे।

शिविरा पत्रिका का वार्षिक सदस्यता शुल्क सभी स्कूलों से लिया जा रहा है। शिविरा पत्रिका की सदस्यता को बढ़ाने के लिए इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से निर्देश दिए गए हैं। शुल्क की राशि काे पत्रिका काे और अधिक पठनीय बनाने पर खर्च की जाएगी। – भारती शर्मा, संयोजक, जिला समान परीक्षा

निजी स्कूलों पर शिक्षा विभाग आर्थिक बोझ डाल रहा है। इससे पहले 5वीं बोर्ड में भी प्रति विद्यार्थी 40 रुपए प्राइवेट स्कूलों से वसूले गए। जबकि आठवीं बोर्ड परीक्षा में कोई शुल्क नहीं लिया गया। – कोडाराम भादू, प्रदेशाध्यक्ष, स्कूल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन

निजी स्कूल भी शुरू से शिविरा पत्रिका के सदस्य हैं। सरकारी व प्राइवेट स्कूल के लिए शुल्क में अंतर रखना प्राईवेट स्कूल्स के प्रति शिक्षा विभाग के पूर्वाग्रह का साक्षात प्रमाण है। – गिरिराज खैरीवाल, प्रदेश समन्वयक, पैपा, राजस्थान

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