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बीकानेर,राजस्थान में इन दिनों भीषण गर्मी का दौर चल रहा है इस बीच बिजली कटौती का फैसला किया गया हैं. शहरों के बाद अब ग्रामीण इलाकों में रोजाना कई घंटे तक बिजली कटौती की जाएगी. कटौती का असर ग्रामीणों को ज्यादा झेलना पड़ेगा. दरअसल राजस्थान में किसी भी समय कोयले का संकट खड़ा हो सकता है. उधर, बिजली की मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ता जा रहा है. ऐसे में ऊर्जा विभाग के जिम्मेदारों ने प्रदेश में बिजली कटौती का फैसला कर ग्रामीणों को परेशानी में डाल दिया है.

4-6 घंटे तक हो सकती है कटौती
ऊर्जा विभाग और डिस्कॉम्स ने फैसला किया है कि राजस्थान में भीषण गर्मी की स्थिति और ऊर्जा की तेजी से बढ़ रही खपत को देखते हुए बिजली कटौती शुरू की जाएगी. बताया जा रहा है कि जल्द सामने आ जाएगा कि ग्रामीण इलाकों में कितने घंटे कटौती होगी और शहरी इलाकों में किस समय बिजली गुल रहेगी. ऊर्जा विभाग के आला अधिकारियों ने बिजली की लगातार बढ़ रही मांग और उत्पादन पूरा नहीं होने का हवाला देते हुए कटौती करने की बात भी की है. राजस्थान में बिजली संकट के दौरान ग्रामीण इलाकों में 4-6 घंटे कटौती के आदेश जारी होते रहे हैं.

2800 लाख यूनिट तक पहुंची बिजली की मांग
राजस्थान में बिजली की मांग 2800 लाख यूनिट तक पहुंच गई है. वहीं पिछले साल की बात करें तो इस समय तक एक दिन में 2131 लाख यूनिट की मांग ही चल रही थी. ऐसे में साफ हो गया है कि बिजली तंत्र को लेकर आला अधिकारी गंभीर नहीं है और बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने की बजाय हाथ खड़े किए जा रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए उत्पादन बढ़ाने के लिए पावर प्लांट्स को अलर्ट मोड पर किया जा रहा है, ताकि उत्पादन बढ़ने के साथ ही मांग और आपूर्ति के अंतर को कम किया जा सके. प्रदेश के थर्मल पावर स्टेशनों की विद्युत उत्पादन क्षमता पर बात करें तो वह वर्तमान में 10110 मेगावाट है, जिनसे अभी 6600 मेगावाट विद्युत उत्पादन ही हो रहा है.

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