बीकानेर, पुलिस मोटर ड्राइविंग स्कूल में कांस्टेबल चालक के प्रशिक्षण के दौरान महिला प्रशिक्षणार्थियों को अंधेरे में झाडि़यों में अधिकारी को ढूंढ़ने की टास्क देने एवं अधिकारियों के शराब पीने के मामले की जांच करने के लिए शनिवार को राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के प्रिंसिपल एवं एसएसबी डीआईजी हरेन्द्र सिंह महावर बीकानेर पहुंचे। पीएमडीएस कमांडेंट प्रतापसिंह डूडी से पूरे मामले की जानकारी ली।
उच्चाधिकारियों को नहीं दी जानकारी
पीएमडीएस के अधिकारियों ने तीन महीने पहले हुए इस घटनाक्रम को यही पर दबाने की तमाम कोशिश की। उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत भी नहीं कराया। जयपुर पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने स्वयं संज्ञान लिया। एडीजी ट्रेनिंग सचिन मित्तल ने उक्त मामले की जांच की जिम्मेदारी राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के प्रिंसिपल हरेन्द्र सिंह महावर को सौंपी।
डीआईजी महावर दोपहर में जोधपुर से सीधे पीएमडीएस पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से बातचीत करने के बाद 24 जनवरी, 22 को नाल स्थत पुलिस फायरिंग रेंज में हुए जंगल कैम्प के दौरान हुए घटनाक्रम की जानकारी ली। करीब पौने चार घंटे तक उन्हाेंने दोनों पक्षों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों और परिवादी के बयान भी लिए हैं। डीआईजी ने सामूहिक व एक-एक कर सबसे बारी-बारी से बातचीत की और घटनाक्रम की सच्चाई जानने की कोशिश की।
पुलिस मोटर ड्राइविंग स्कूल में कांस्टेबल चालक बैच संख्या-14 का प्रशिक्षण चल रहा था। बैच में पौने तीन से अधिक प्रशिक्षणार्यी शामिल हैं। इनमें 17 महिला चालक भी प्रशिक्षणार्थी भी हैं। प्रशिक्षण के दौरान 24 जनवरी को नाल स्थत पुलिस फायरिंग रेंज में तीन दिवसीय रात्रिकालीन जंगल कैम्प लगाया गया। देररात को प्रशिक्षण के दौरान अधिकारी ने छिपकर अपराधी को पकड़ने का प्रशिक्षण लेने के आदेश दिए। आरोप लगाया कि इस दौरान अधिकारी शराब के नशे में थे।
जगल कैम्प पुलिस ट्रेनिंग का अनिवार्य हिस्सा है। कैम्प के दौरान हुए घटनाक्रम की तथ्यपरक जांच की जाएगी। सभी पक्षों से बातचीत कर रहे है। जंगल कैम्प में 17 महिला प्रशिक्षणार्थियों के अलावा पौने तीन सौ पुरुष व अन्य स्टाफ भी मौजूद था। घटनाक्रम को लेकर हरेक बिन्दू पर बारीकी से जांच की जाएगी। अधिकारियों ने शराब पी रखी थी या नहीं यह भी जांच का विषय है। जांच में दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेंगे।
हरेन्द्रसिंह महावर, प्रिंसिपल आरपीटीसी एवं एसएसबी डीआईजी जोधपुर