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बीकानेर,सरकार की नई आबकारी नीति शराब के गलफांस बन गई। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद दुकानें नहीं बिक रही है। प्रदेशभर में 1890 दुकानें ई-नीलामी में बिक नहीं पाई है। शराब कारोबारी घाटे के चलते दुकानें खरीदने में रुचि नहीं ले रहे हैं। सरकार शराब कारोबारियों को विभिन्न तरह का प्रलोभन दे चुकी है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है। अब सरकार ने एक बार फिर शराब कारोबोरियों को गारंटी राशि में दस प्रतिशत की और कमी कर राहत प्रदान की है। अब प्रदेशभर में चौथे चरण की ई-नीलामी प्रक्रिया 28 अप्रेल से शुरू होगी।

बीकानेर जिले में शराब की 226 दुकानें हैं, जिनकी तीन चरणों में नीलामी की जा चुकी है। 226 दुकानों में से केवल 86 दुकानदारों ने ही नवीनीकरण कराया था। शेष 140 दुकानों की ई-नीलामी होनी थी। तीन चरणों में हुई नीलामी में 90 दुकानें आबंटित हुई। तमाम कोशिशों के बावजूद जिले में 50 दुकानें अब भी नहीं बिकी है। वहीं प्रदेशभर में 1890 दुकानें नहीं बिकी है। अब इन दुकानों को बेचने के लिए सरकार नया पैंतरा लाई है। सरकार शराब कारोबोरियों को रिझाने के लिए दुकानों की गारंटी राशि में 10 प्रतिशत की और कमी की है।

शराब दुकानें नहीं बिकने पर सरकार की हालत खराब हो रहीहै। सरकार ने 20 दिन पहले 30 प्रतिशत तक गारंटी राशि घटाई थी। इसके बाद कुछ दुकानें और बिक गई थी लेकिन प्रदेशभर में सैकड़ों दुकानें फिर भी नहीं बिक पाई। अब सरकार ने दूसरी बार फिर दुकानों की गारंटी राशि घटाई है।बीकानेर जिले में 176 दुकानें बिकने से सरकार को 230 करोड़ का राजस्व मिल

सरकार ने गारंटी राशि में 10 प्रतिशत की और कमी की है। चौथे चरण की ई-नीलामी प्रक्रिया 28 से शुरू होगी। बीकानेर जिले में 176 दुकानें बिकने से सरकार को 230 करोड़ का राजस्व मिल चुका है। डाॅ.भवानीसिंह राठौड़, जिला आबकारी अधिकारी

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