बीकानेर,रातीघाटी युद्ध के समय विद्यमान देव मन्दिरों के दर्शन वहां रातीघाटी युद्ध उपन्यास भेंट करने के क्रम में आज प्रात: 8 बजे श्री नागणेची जी माता के मन्दिर में देवदर्शन आयोजित किया गया। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में लेखक जानकी नारायण श्रीमाली ने उपन्यास में वर्णित मां नागणेची जी के इतिहास पर प्रकाश डाला। पाठकीय विचार में श्री निर्मल कुमार शर्मा ने कहा उपन्यास में पांच सौ वर्ष पूर्व के हमारे श्रेष्ठ समाज का चित्रण प्रेरक है। श्री भीमसिंह राजपुरोहित उप कुलसचिव राजूवास ने कहा उपन्यास पढ़ते समय पाठक उसी भाव में डूब जाता है। भाषा सरल है।
विचार गोष्ठी के प्रारंभ में श्री कमल नयन शुक्ला ने सभी का स्वागत किया और देव दर्शन यात्रा संयोजक श्री पुरुषोत्तम सेवग ने आखाबीज के कार्यक्रमों की जानकारी दी। गोष्ठी में डॉ. आर.बी. सिंह तोमर, मदन मोदी, श्री धन्नैसिंह राठौड़, सुमेरसिंह भाटी, नरेन्द्र श्रीमाली, छत्रसेन सुथार, शिक्षा डॉ. नरेन्द्र गुप्ता सहित गणमान्य जन उपस्थित हुए। अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह बीका ने आभार प्रकट किया तथा सर्वश्री जानकी नारायण श्रीमाली, महावीर सिंह पंवार व सभी उपस्थितजनों ने मां नागणेची जी की वंदना करके उपन्यास भेंट किया।
मां के जयकारों से प्रांगण गूंज उठा।