बीकानेर,जिले में आबकारी बंदोबश्त से वंचित शराब की दुकानों में महज पखवाड़े भर के अंतराल में एक करोड़ से ज्यादा की अवैध शराब बिक गई और आबकारी विभाग के अफसर मूकदर्शी बने रहे। हैरानी की बात तो यह है कि इन दुकानों पर अभी अवैध शराब की बिक्री बदस्तूर जारी है। इसकी शिकायत आबकारी आयुक्तालय पहुंचने के बाद बीकानेर के आबकारी अफसरों में हडक़ंप सा मचा हुआ है। हालांकि बीकानेर के आबकारी अफसरों का दावा है कि बंदोबश्त से वंचित शराब की तमाम दुकानें बंद करवा दी गई और उनकी निगरानी हो रही है । जबकि सच्चाई यह है कि वंचित दुकानों के शट्टर जरूर बंद है लेकिन इनके जाली-झोरोखों और आस पास खुलेआम अवैध शराब बिक रही है। सूत्रों की मानें तो बीकानेर में आबकारी बंदोबश्त से वंचित ठेकों पर अब तक एक करोड़ से ज्यादा की अवैध शराब बिक चुकी है और इससे सरकार को सीधे तौर पर लाखों रूपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। बंदोबश्त से वंचित शराब कई दुकानें ऐसी है जहां हर रोज पांच लाख से ज्यादा की बिक्री होती है। दरअसल,बीकानेर में शराब की कुल २२६ दुकानें है। इनमें ८६ दुकानों का नवीनीकरण हो चुका और १६५ दुकानें नीलामी में बिक चुकी है,लेकिन शराब की ६१ दुकानें ऐसी है जो आबकारी विभाग की तमाम कोशिश के बावजूद नहीं बिक पायी। नियमानुसार इन दुकानों को बंद करवा दिया,लेकिन इनका स्टॉक कब्जे में नहीं लिया गया। इन दुकानों पर अब बचे हुए स्टॉक की शराब के साथ तस्करी की शराब भी बड़े पैमाने पर बेची जा रही है । इसे लेकर आबकारी विभाग के अफसरों को लगातार शिकायतें मिल रही है लेकिन वह कार्यवाही में नाकाम बने हुए है। बंदोबश्त से वंचित दुकानों पर हो रही शराब की अवैध बिक्री से ना सिर्फ सरकार को राजस्व घाटा हो रहा बल्कि अनुज्ञाधारी दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
आयुक्तालय ने मांगी रिपोर्ट,फेल हो गया अभियान
बीकानेर में आबकारी बंदोबश्त से वंचित दुकानों पर चल रही शराब की अवैध बिक्री को लेकर मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए नये आबकारी आयुक्त प्रकाश राजपुरोहित ने यहां अतिरिक्त आबकारी आयुक्त से रिपोर्ट मंागी है। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि किन कारणों से बीकानेर में ६१ दुकानें नवीनीकरण और नीलामी से वंचित रह गई। इन दुकानों में जो स्टॅाक था उसका उसका पूरा ब्यौरा भी मांगा गया है। वहीं इस माह अवैध शराब के खिलाफ चलाये गये विशेष अभियान के तहत की गई कार्यवाहियों की रिपोर्ट भी मांगी गई है। जानकारी में रहे कि अभियान के तहत आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि कोई भी पुराना अनुज्ञाधारी या अन्य व्यक्ति अवैध मदिरा से जुड़े कार्यों में संलिप्त पाया जाए तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाए । मगर बीकानेर में आबकारी आयुक्तालय के आव्हान पर चलाया गया अभियान अफसरों की नाकामी से औपचारिक बन कर रह गया ।
नप सकते है कई अधिकारी
सूत्रों के अनुसार बीकानेर में बंदोबश्त से वंचित दुकानों पर बड़े पैमाने पर चल रही शराब की अवैध बिक्री के मामले में आबकारी विभाग के अधिकांश अफसरों की भूमिका संदिग्ध है । पता चला है कि वंचित दुकानों पर शराब बिक्री को लेकर मीडिया में उजागर हुई खबरों और लगातार मिल रही शिकायतों के बावजूद यहां आबकारी अफसरों ने निरोधात्मक कदम नहीं उठाये। अफसरों की इस नाकामी से महज पखवाड़े भर के अंतराल में बंदोबश्त से वंचित दुकानों और इनके आस पास करोड़ो रूपये की शराब बिक गई। ऐसे में माना जा रहा है कि अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे बीकानेर के कई अफसरों पर विभागीय गाज गिर सकती है और इनका तबादला किया जा सकता है।
धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब
जानकारी के अनुसार शहर में तुलसी सर्किल,सादुल सर्किल,रानी बाजार औद्योगिक क्षेत्र की रोड़ नंबर पांच,बाबूलाल फाटक के नीचे चांदनी बार,मॉर्डन मार्केट,शीतला गेट समेत बीकानेर शहर और ग्रामीण अंचलों में ऐसे कई वार्ड है जहां बंदोबश्त से वंचित दुकानों पर ताले जरूर लगे है लेकिन शराब की बिक्री बदस्तूर जारी है। इनमे ज्यादात्तर दुकानें बीकानेर के प्रभावशाली शराब कारोबारी परिवार की होने के कारण आबकारी अफसर कार्यवाही करने में पंगू बने हुए है। इतना ही जयपुर रोड़ और जोधपुर बाईपास की होटलों ढ़ाबों में भी बड़े पैमाने पर शराब की अवैध बिक्री हो रही है।