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बीकानेर महावीर जयंती पर सुखा दिवस घोषित होने के बावजूद बीकानेर में ठेकों पर शराब की बिक्री का दौर जारी रहा। हैरानी की बात तो यह रही कि बंदोबस्त से वंचित ठेकों पर भी सुबह से लेकर देर रात तक शराब की बिक्री होती रही। इसे लेकर जागरूक लोगों ने आबकारी अधिकारियों को कॉल भी लगाये लेकिन उन्होंने स्वीच ऑफ कर रखे थे। इधर रानी बाजार ओवर ब्रिज के पास राजीव मार्केट, सादुल सर्किल, मटका गली, कैचिंगा गली, मुक्ता प्रसाद, पूगल रोड़ रानी बाजार रोड़ नंबर पांच समेत गंगाशहर इलाके के कई ठेकों पर शराब बिकती रही। हालांकि सुखा दिवस की औपचारिकता में ठेकों के शट्टर बंद थे लेकिन झरोखों से शराब की बिक्री का दौर जारी रहा और सेल्समैन बेधड़क शराब बेचते रहे। बीकानेर शहरी इलाके के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी ज्यादात्तर ठेको पर सुखा दिवस के बावजूद शराब की बिक्री हुई। इस मामले में आवकारी अधिकारियों लापरवाही तथा अनदेखी सामने आई है। हैरानी की बात तो यह है कि सादुल सर्किल पर मैट्रो होटल के पास स्थित शराब ठेके के बाद भरी

दोपहरी में पियक्कड़ों की महफिल जमी हुई थी। जिन्हें ठेके के झरोखे से शराब और बियर मुहैया हो रही थी। इसी तरह रानी बाजार रोड नंबर पांच पर ठेके के सेल्स मेन मौके पर ही धड़ल्ले से शराब बेच रहे थे। इसी तरह शहर के शीतला गेट इलाके में शराब के एक अनाधिकृत ठेके पर भी खूब शराब बिकी बताया जाता है कि शीतला गेट इलाके में शराब का यह ठेका आबकारी बंदोबस्त के नक्शे में शामिल नहीं है इसके बावजूद इस ठेके पर लंबे समय से शराब की बिक्री हो रही है। जयपुर रोड़ के बंद ठेकों पर भी शराब की बिक्री का दौर गुरुवार सुबह से लेकर देर रात तक जारी रहा। शराब कारोबार जगत से जुड़े सूत्रों के अनुसार बीकानेर जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में शराब के 61 ठेके ऐसे हैं जो आयकारी बंदोबश्त से वंचित है, फिर भी इन ठेकों पर बीते पखवाड़े भर से शराब की बिक्री का दौर जारी है, और इससे आबकारी विभाग को महज 14 दिन के अंतराल में करीब सत्तर लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हो चुका है। जानकारों की मानें तो आबकारी निरीक्षकों को बंदोबस्त से वंचित ठेकों पर बिक रही शराब के बारे में पुख्ता जानकारी होने के बावजूद वह निरोधात्मक कदम नहीं उठा रहे है।

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