बीकानेर,आधुनिक राजस्थानी कहानी के जनक मुरलीधर व्यास’राजस्थानी’ की 124वी जयंती पर महाराजा नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम में राजस्थानी रसधार का आयोजन मुरलीधर व्यास ‘राजस्थानी’ स्मृति संस्थान द्वारा किया गया । कार्यक्रम के
अध्यक्षता करते हुवे वरिष्ठ व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने कहा आज से 80-85 वर्ष पहले मुरलीधर जी द्वारा किया गया सृजन तथ्य और शिल्प को देखते हुए आज भी राजस्थानी साहित्यकारों के लिए एक चुनौती है मुरलीधर जी ने राजस्थानी कहानियों को एक नई ऊंचाई पर पहुचने का काम किया इसके साथ ही उन्होंने कहा ही उनका व्यंग्य संग्रह इक्केवाळो लोक प्रचलित कथाओं का सुनहरा दस्तावेज है ,जब राजस्थानी में प्राचीन सहित्य पर काम चल रहा था तब मुरलीधर जी ने मौलिक सृजन के महत्व को समझा और लगभग सभी विधाओं में अपनी कलम चलाई । कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उपन्यासकार मनीषा आर्य सोनी ने कहा कि व्यास जी राजस्थानी की हरावल सेना के वे जुंझार थे जिन्होंने राजस्थानी भाषा के लिए निजी, सामाजिक और लेखन की दृष्टि से बहुत बड़ा काम किया। एक सच्चे कलमकार की निर्बाध गति कितनी विषमताओं को पार करती हुई आगे बढ़ती है इसका जीवंत प्रमाण है मुरलीधर जी का जीवन वृतांत।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कवयित्री मोनिका गौड ने मुरलीधर जी के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में बताया साथ ही अपनी अपनी राजस्थानी कविता साथै बैठा आज दावड़ी सुना कर श्रोताओं को मोह लिया।
राजस्थानी रसधार के प्रवाह को बढ़ाते हुवे युवा गीतकार विप्लव व्यास ने छोड़ इयां ने म्हने परणाई साहब वाळे देश रई पीड़ री पीड़ सुना कर खूब तालियां बटोरी।
युवा कवि शशांक शेखर जोशी ने अपनी कविता बाहरा महीना चौबीस तिवार मनावण ने रेवे सब त्यार ओ एक बीजो बिकणो है से बीकानेर की मस्ती और संस्कृति का चित्र खींचा ।
लूणकरणसर के गीतकार राज बिजारणियां ने अपना प्रतिनिधि गीत बालू तपती रेत बिचाळे छाव सरिकी बेटी है । सुना कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया, नाथूसर के गीतकार छैलू चारण छैल ने मुरलीधर जी को समर्पित दोहा कलम कोरणी सोहणी,थळवट रो उजियास|सकल विधावां में लिख्यो, वाह मुरलीधर व्यास। पढ़ कर व्यास जी को नमन किया साथ ही राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को याद दिलाता अपना गीत उण जेवनता रै जायोडे ने मायड़ भोम बुलावे है , पढ़ कर सभी को ऊर्जा से भर दिया । कार्यक्रम में आभार प्रकट करते हुए डॉ. नमामीशंकर आचार्य ने कहा मुरलीधर जी के साहित्य और जीवन के बीच हसिया नही खिंचा जा सकता मुरलीधर जी की कहानियों को पढ़ कर राजस्थानी लिखनी और बोलनी सीखी जा सकती है
कार्यक्रम में कथाकार राजेन्द जोशी, राजाराम स्वर्णकार, डॉ अजय जोशी, मोहम्मद फारूक, जुगल किशोर पुरोहित,गिरिराज पारीक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नित्यानंद पारीक, कैलास टांक, कासिम बीकानेरी,अभिषेक पुरोहित, अंजू सुथार, शिवानी व्यास आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।