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बीकानेर, श्री स्वामी वेद प्रकाश ब्रह्मचारी राजकीय प्राथमिक विद्यालय कुंतासर (श्रीडूंगरगढ़) का उद्घाटन सोमवार को योगीराज अमर ज्योति महाराज और सोमनाथ महाराज के सान्निध्य में हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री डॉ. बी डी कल्ला थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा मानव के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है। शिक्षा के बिना जीवन अंधकारमय होता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जरूरी है कि हमारे बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण करें। बेटियों को भी शिक्षा के भरपूर अवसर मिले। उन्होंने कहा कि बेटे और बेटी में कोई भेद नहीं रखें। पढ़ी लिखी बेटी दो परिवारों को संस्कारित बनाती है। ग्रामीण एक दूसरे के सुख दुःख में भागीदार बनते हैं। यहां के लोग अपनी विद्या, धन और शक्ति का सदुपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि कुंतासर के स्कूल को प्राथमिक विद्यालय को प्राथमिकता के आधार पर उच्च प्राथमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया जाएगा। साथ ही यहां समसा के तहत दो कक्षा कक्ष बनवाने की घोषणा की। उन्होंने मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना को प्रदेश की ऐतिहासिक योजना बताया और कहा कि प्रदेशवासी इसका अधिक से अधिक लाभ लें, जिससे सरकार के निरोगी राजस्थान का सपना साकार हो सके।
राजस्थान स्टेट एग्रो डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि परिवार शिक्षित होगा तो समाज और देश आगे बढ़ेगा। इसे ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में क्वालिटी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इससे प्रदेश में सरकारी विद्यालयों के प्रति रुझान बढ़ा है और इन स्कूलों में लगभग आठ लाख बच्चों के नामांकन में वृद्धि हुई है। सरकार द्वारा गांवों में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेटियां पढ़ाई में आगे निकल रही हैं। उन्होंने गांव के सर्वांगीण विकास के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत बताई।
श्रीडूंगरगढ़ विधायक गिरधारी लाल महिया ने कहा कि क्षेत्र में विकास के सतत प्रयास किए जा रहे हैं। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में सभी आधारभूत सुविधाओं का विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
पूर्व विधायक मंगला राम गोदारा ने कुंतासर में पंचायत समिति के माध्यम से सभा भवन और ट्यूबवेल बनवाने की जानकारी दी। साथ ही क्षेत्र की विभिन्न आवश्यकताओं के बारे में बताया। तुलसीराम चौरड़िया ने भी विचार रखे। संचालन सुभाष पूनिया ने किया।
इस दौरान हीरालाल पांडिया, दानाराम भांभू, बिशना राम सियाग, सुंदर बैरड़, भागूराम सहू, मालचंद नैन, हरिराम बाना और कानाराम कूकना सहित अनेक जनप्रतिनिधि, ग्रामीण और अधिकारी मौजूद रहे।

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