बीकानेर। प्रदेश की समस्त सीनियर सेकंडरी विद्यालयो में उप प्रधानाचार्य का पद स्वीकृत करने व सेकेंडरी एचएम का पद समाप्त करने के बाद नवसृजित उप प्रधानाचार्य के पद को 100 प्रतिशत पदोन्नति से भरने के प्रावधान को लेकर राज्य के समस्त वरिष्ठ अध्यापको, नवनियुक्त व्याख्याताओ तथा तृतीय श्रेणी अध्यापको में भारी आक्रोश व्याप्त है।
राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने बताया कि नए नियमो से विभाग में कार्यरत प्रतिभाशाली एवं नवनियुक्त शिक्षकों को कोई मौका नहीं मिल पा रहा है। इस नियम से पूर्व में माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद पर 50% पदोन्नति व 50% सीधी भर्ती का प्रावधान था जिससे तृतीय श्रेणी अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के उपरांत प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नत हो रहे थे। लेकिन प्रधानाध्यापक का पद समाप्त कर उसके स्थान पर उप प्रधानाचार्य के पद को सृजित करने व उसके लिए 100 प्रतिशत पद व्याख्याताओ से पदोन्नत करने से विभाग में कार्यरत तृतीय श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी अध्यापकों की पदोन्नति के अवसर शून्य हो गए हैं। ऐसे में उप प्रधानाचार्य के 50 प्रतिशत पदों पर पूर्व प्रधानाध्यापक पद की तरह सेवारत वरिष्ठ अध्यापको,शिक्षको की सीधी भर्ती की जावे।
प्रदेश सयुक्त मंत्री सुरेश व्यास ने बताया कि संगठन के प्रतिनिधि मंडल द्वारा राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से भेंट कर उप प्रधानाचार्य के पद की ग्रेड पे 6000 व लेवल 15 दिए जाने ,उप्रावि प्रधानाध्यापक के विषयानुसार पद को समाप्त कर पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक के पद में परिवर्तित कर पदोन्नति में पिछड़े वाणिज्य एवं सामाजिक विषय के तृतीय श्रणी शिक्षको को पदोन्नत किया जाने,5 वी व 8वी बोर्ड परीक्षा के समय मे परिवर्तन करने,नवक्रमोन्नत एवं वर्तमान में संचालित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हिंदी एवं अंग्रेजी अनिवार्य विषय के व्याख्याताओ के पद आवश्यक रूप से आवंटित करने,शाशि पदों के नियमो में संसोधन करते हुये पदोन्नति करवाने,तृतीय ग्रेड के स्थानातरण करवाने,काउंसिलिंग में सभी रिक्त पदों को दर्शाने,क्रमोन्नत के साथ ही पद आवंटन करने,माननीय न्यायालय के निर्णयानुसार नोशनल तिथि से एसीपी का लाभ देने में एकरूपता रखने,वर्तमान में मावि प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत प्रधानाध्यापकों को स्नातक के विषय मे ही स्नातकोत्तर करने की छूट देते हुए उन्हें प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नत किया जाने आदि मांगो के लिये ज्ञापन सौपा।
इस अवसर पर एनपीएस के स्थान पर ओपीएस लागू करने,उपप्रधानाचार्य पद सृजित करने पर माननीय मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री का माल्यार्पण ,शाल ओढाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया निर्णय के प्रति आभार जताया। राजस्थान सरकार के मुख्यमं त्री व शिक्षामंत्री ने संगठन की मांगों के समाधान के लिए आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार हर वाजिब समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। नवाचारों में कुछ विसगतिया रही है तो उसमें आवश्यक संसोधन अवश्य किये जायेंगे।
संगठन शिष्टमंडल में मोहम्मद फ़ैज़ल,आनंद व्यास,किशन कुमार आचार्य,मोहम्मद रमजान,राजेन्द्र व्यास,मोहनलाल,चन्द्रकला आचार्य,आनंद स्वामी,प्रवीण आदि शिक्षक नेता समिलित रहे।