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बीकानेर,व्यक्ति चाहे कितना ही धनवान,गुणवान,रूपवान हो पर नशे की लत सब गुणों पर पानी फेर देती है नशे का आदि व्यक्ति अपना पूरा ध्यान नशे पर ही केंद्रित कर अन्य दायित्वों का निर्वहन भली भांति नही कर पाता है यह उद्गार व्यक्त करते हुए जाम्भाणी साहित्य अकादमी के त्रिदिवसीय नशामुक्ति वेबिनार के तीसरे दिन

नशा: दुष्परिणाम,कारण-निवारण ओर गुरु जम्भेश्वर जी की शिक्षाएं विषय पर बोलते हुए युवाओं को खुद नशा छोड़ने तथा समाज हित के लिए नशे के खिलाफ सहयोग देने की अपील जाम्भाणी साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष और कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ कृष्णलाल बिश्नोई ने की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए रावतसर के श्री रंगलाल बिश्नोई ने कहा कि पम्परागत नशों के अलावा अत्याधुनिक हानिकारक नशों के प्रति युवाओं का रुझान उनके उज्जवल भविष्य को अंधकारमय बनाने वाला होगा।
विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में अपने विचार साझा करते हुए राजस्थान प्रशासनिक अधिकारी विजय नाहटा ने बताया कि नशा चाहे कोई भी हो व्यक्ति के लिए हानिकारक है और नशे की लत से मनुष्य अपने नैतिक कर्तव्यों को छोड़कर स्वार्थ सिद्धि हेतु अग्रसर रहता है।
हिसार के वरिष्ठ कवि और पत्रकार पृथ्वीसिंह बेनीवाल ने अमल के अवगुणों पर प्रकाश डालते हुए अपनी काव्य रचना से सबको सकारात्मक संदेश दिया।
सुजानगढ़ महाविद्यालय में एसोसियेट प्रोफेसर डॉ गजादान चारण ने अपनी ओजस्वी वाणी के माध्यम से दारू से होने वाले नुकसान तथा दारू के पक्ष में देने वाले तर्को का सटीक जवाब देते हुए कहा कि दारू पीने वाले व्यक्ति की कोई इज्जत समाज मे नही होती।
जोधपुर के युवा शोधार्थी चंद्रभान बिश्नोई ने सामाजिक स्तर पर नशे के खिलाफ अभियान छेड़ने की जरूरत बताई।
कुरुक्षेत्र से एडवोकेट आत्माराम पुनिया ने संबोधित करते हुए नशे सम्बन्धी कानूनन नियमो की जानकारी पटल पर साझा की।
वरिष्ठ साहित्यकार सरोज भाटी ओर मुक्ता तैलंग ने नशे के खिलाफ महिलाओं को अपना सहयोग देने की अपील करते हुए कहा कि नारी चाहे तो हर परिवार नशा मुक्त हो सकता है।
जोधपुर की सारा शारदा ने नशे के व्यापारियों को सामाजिक स्तर पर बहिष्कार करने की अपील मंच से की।
हरियाणा से कृष्णलाल काकड़ ओर बाड़मेर से डॉ बंशीलाल ढाका ने गुरु जाम्भोजी के उपदेशों का हवाला देते हुए समाज से अपील की,की इस बुराई को जड़ से तभी मिटाया जा सकता है जब हर जागरूक व्यक्ति इसमें सहयोग करेगा।
इंजीनियर राजेन्द्र कुमार कड़वासरा ने युवाओं को नशे के खिलाफ कदम उठाकर प्रकृति से जुड़ने की अपील की।
डिंगल के मूर्धन्य साहित्यकार गिरधरदान रतनू ने अपनी ओजस्वी वाणी से समाज को नशे से होने वाले दुष्परिणामो को बताते हुए जाम्भाणी साहित्य अकादमी के इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यक महत्ता बताई।
नोखा के रामकिशन डेलू ने भी अपनी कविता के माध्यम से समाज मे फैली नशे रूपी कुरीति को जड़ से उखाड़ने का आह्वान किया।
पिछले तीन दिनों से चल रहे कार्यक्रम का संयोजन विनोद जम्भदास जी ने किया।
तकनीकी प्रबंधन डॉ लालचंद बिश्नोई ने संभाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ हरीराम बिश्नोई ने किया।

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