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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान एवं समाजसेवी आसदेव परिवार बंबलू वाले माता श्रीधापूदेवी पुत्र रामप्रताप कुंदनराम लक्ष्मणराम दिनेश मनोज पूनमचंद नवरत्न आसदेव परिवार के सानिध्य में नवरात्रि अनुष्ठान महोत्सव एवं श्रीमद् भागवत कथा का वाचन पारीक चौक स्थित श्री भागवतबासा भवन प्रांगण में नव दिवसीय दैनिक हवनयज्ञ,गायत्री कवच,एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ,नित्य कन्या पूजन और भंडारे के साथ नवरात्रि अनुष्ठान महोत्सव हो रहा है।श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिवस का वाचन करते श्रीछैल विहारी महाराज ने आज भगवान कृष्ण और रुक्मणी के विवाह के प्रसंग और कृष्ण सुदामा की मित्रता के प्रसंग सुनाते हुए बताया के की सांसारिक जीवन में हमारी मित्रता निस्वार्थ होनी चाहिए क्योंकि स्वार्थपरक मित्रता की अवधि कभी भी लंबी नहीं होती। तत्पश्चात राजर्षि परीक्षित के मोक्ष की कथा, सुखदेव मुनि का राजर्षि परीक्षित को कथा सुनाकर प्रस्थान करना,ओर यदुवंश का नाश पतन होना,तत्पश्चात दत्तात्रेय व यदु संवाद द्वारा 24 गुरूओं की विस्तृत व्याख्या बतलाई। बालसंत श्रीछैल विहारी ने बताया,,कि गुरु वहां धूरी है जिसके चारों और शिष्य का संपूर्ण संस्कारों से भरा हुआ जीवन केंद्रित रहता है।” निराश ओर जीवन पथ पर भटके हुए शिष्यों के लिए पथ प्रदर्शक रूपी संस्कार ओर अध्यात्मिक ज्ञानमयि कुंजी है गुरु। बालसंत श्रीछैल विहारी जी ने कहा कि समस्त संसारिक जीवन मे प्राणिमात्र को सदैव अपने पुरोहित गुरु,शिक्षा गुरु,एवं दीक्षा गुरु का हम सबको आदर करना चाहिए।आज दर्गाष्टमी पर कन्याओ का विधि पूर्वक पूजन कर ज्योत महाआरती की गई।उपरोक्त सम्पूर्ण अनुष्ठान महोत्सव मे नितेश आसदेव,नारायण नंदिनी पारीक व सीमा पुरोहित सेवाश्रम मे लगे है। नितेश आसदेव ने बताया की निरंतर सात दिवसीय भागवत कथा प्रांगण स्थल पर ताजे फूल पुष्पों से श्रृंगार का कार्य सेवारूप में ख्वाहिश फ्लावर एंड डेकोरेशन पुरानी गजनेर रोड जस्सूसर गेट के सीईओ सिकंदरअली द्वारा किया गया।

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