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बीकानेर, आजादी के आंदोलन के प्रथम नायक 1857 की क्रांति के अग्रदूत अमर शहीद मंगल पांडे की 165 वी पुण्यतिथि पर सामाजिक सरोकारों की अग्रणी संस्था कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा पुष्पांजलि और शब्दाजंलि सभा आयोजित की गई
अमर शहीद के तेल चित्र पर पुष्पहार और पुष्पांजलि करते हुए फाउंडेशन की निदेशक कामिनी भोजक मैया ने कहा कि तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत द्वारा गाय और सुअर की चर्बी से बने कारतूस बनाये गए गाय हिन्दुओ के लिए पूजनीय है और सुअर मुस्लिमो के लिए अधर्म और ब्रिटिश हुकूमत के इरादों को मंगल पांडे भाप गए थे उन्होंने उस समय हिन्दुओ और मुसलमानों को होने वाले पाप से ना सिर्फ बचाया अपितु देश के सामाजिक सौहार्द को बचाने के लिए हुकूमत से बगावत की इस लिहाज से मंगल पांडे सामाजिक समरसता को बनाये रखने वाले धर्म रक्षक के रूप में सदैव पूजनीय रहेंगे

श्रद्धाजंलि सभा मे घनश्याम शर्मा ने कहा कि आज के युवाओ को चाहिए कि वे मंगल पांडे के जीवन से प्रेरणा ले उन्होंने ना सिर्फ अपने धर्म की बल्कि अपने देश के दूसरे धर्मावलम्बियों की भी रक्षा की जो कि उनकी महानता को दर्शाता है
नरेश आचार्य ने कहा प्रत्येक नागरिक को मंगल पांडे को आत्मसात करना चाहिए जिनके लिए देश और उसकी अस्मिता की रक्षा प्रथम थी
श्रद्धाजंलि सभा का संचालन नितिन वत्सस ने किया

श्रद्धाजंलि सभाको नोरंगलाल गौड़, भद्रमाल पतरंगिया, रणवीर चौधरी, सुनील कुमार रंजन देवकीनंदन शर्मा, सुरजाराम जी, मंजू भारद्वाज, आशा दुबे,कृष्णा बाना जितेंद्र भोजक ने संबोधित करते हुए मंगल पांडे को श्रद्धासुमन अर्पित किए

अन्त में दो मिनट का मौन रखकर उपस्थित सभासदो ने श्रद्धाजंलि दी
इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरूष मौजूद थे

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