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बीकानेर, परिवादियों को टरकाना अब एसएचओ व डिप्टी को भारी पड़ सकता है। परिवादी न्याय की उम्मीद लेकर थाने पहुंचते हैं, जहां उनकी कोई सुनवाई नहीं होती, जिससे थक हार कर परिवादी उच्चाधिकारी के पास पहुंचते है। यहां भी सुनवाई नही होने पर जयपुर की ओर रुख करते है, जिससे आमजन में पुलिस की छवि धूमिल होती है। आमजन में विश्वास-अपराधियों में डर के स्लोगन की सत्यता साबित करने के लिए बीकानेर संभाग में नई व्यवस्था लागू की जा रही है। नई व्यवस्था के तहत हर दिन परिवादियों की सुनवाई करनी होगी।

पुलिस अधीक्षक कार्यालय में परिवादों का रिकॉर्ड संधारण किया जाएगा। किस थाने से कितने परिवाद आए और किस-किस तरह के परिवाद है, जिनका निराकरण करने में कहां दिक्कत आ रही है। जिस थाने परिवाद अधिक होंगे, एस थाने के एसएचओ व संबंधित डिप्टी की क्लांश पुलिस अधीक्षक व पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर रेंज लेंगे।

नई व्यवस्था के तहत परिवादी सीधे उच्चाधिकारियों व जयपुर परिवाद नहीं दे सकेंगे। परिवाद पहले थाने में एसएचओ को देना होगा। एसएचओ के सुनवाई नहीं करने पर डिप्टी के पास जाना होगा। यहां भी सुनवाई नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक अथवा जयपुर में उच्चाधिकारियों को परिवाद देना होगा।

पुलिस अधीक्षक कार्यालय के मुताबिक हर दिन 20 से 25 परिवादी परिवाद लेकर आते है, जिन्हे संबंधित थाने में दर्ज कर कार्रवाई करने के लिए भेजा जाता है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय के एक अधिकारी के मुताबिक कई परिवादी थाने जाते ही नहीं है और वे सीधे पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचते हैं, जिस कारण पुलिस अधीक्षक कार्यालय व पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय में पकिवादियों की भीड़ उमड़ती है।

परिवाद्यों को भटकना नहीं पड़ेगा
परिवाद की जांच कर झूठी रिपोर्ट देने वाले पुलिसकर्मी निबटेंगे
परिवाद की प्रगति रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक कार्यालय को देनी होगी
कौन से थाने में किस तरह के आ रहे परिवाद इसका पता चलेगा
आमजन के साथ पुलिस के व्यवहार की जानकारी मिलेंगी
परिवादी की सुनवाई होने से क़ानून व्यवस्था सुधरेंगी

आमजन में पुलिस का विश्वास बना रहे। इसलिए नई व्यवस्था लागू कर रहे है।परिवादी थाने गया और उसकी वाजिब सनस्या का समाधान नहीं कर टरका दिया गया तो संबंधित एसएचओ पर विचार किया जाएगा। परिवाद निराकरण व्यवस्था प्रथमिकता से लागू करेंगे।
ओमप्रकाश, पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर रेंज

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