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बीकानेर में बने पहले ग्रीन हाइड्रोजन-अमोनिया इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रीयल प्लांट को जल्द शुरू करने सहित बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर में बड़े सोलर प्रोजेक्ट मंजूर करने चाहिए। राजस्थान ही देश का वह सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जहां साल में 325 दिन सूर्य चमकता है। इससे यहां 14231 गीगावाट ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है।

एक बड़ी कंपनी ने बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर में सोलर प्रोजेक्ट लगाने के प्रस्ताव दिए हैं। इन्हें जल्द मंजूरी देने की मांग राज्यसभा में सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने उठाई है। मीणा ने नवंबर 2021 में ग्लासगो में हुई यूएन क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस का जिक्र कर कहा, फॉसिल एनर्जी पर्यावरण के लिए बेहद घातक है। इसका विकल्प रिन्युएबल एनर्जी है। इसमें राजस्थान में बड़ी संभावनाएं हैं।

ऐसा है बीकानेर का इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट बीकानेर शहर से सटते भरू खीरा गांव में एक्मे कंपनी ने ऐसा प्लांट बनाया है जिसमें सोलर से हाइड्रोजन बनाकर उसे अमोनिया में भी बदला जाएगा। सभी प्रायोगिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। विधिवत औद्योगिक उत्पादन की देरी है। यह दुनिया का पहला इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रीयल ग्रीन हाइड्रोजन-ग्रीन अमोनिया प्लांट माना जा रहा है। प्रायोगिक तौर पर बने इस प्लांट में हर दिन पांच मीट्रिक टन अमोनिया और प्रति घंटे 500 एनएमक्यू हाइड्रोजन का उत्पादन हो सकता है। इसे आगे बढ़ाया भी जा सकता है।

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