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बीकानेर। मुस्लिम महासभा के राष्ट्रीय सचिव एन डी कादरी ने बताया कि बात बीकानेर के मुस्लिम समाज की है। कोई राजनैतिक सोच नहीं है। और हालात यह है कि मुस्लिम समाज में गली गली में हर कोई नेता बना हुआ है। यही नहीं मुस्लिम समाज में चापलूसों की एक बहुत बड़ी जमात पैदा हो गई है। जो चापलूसी को ही राजनीति मान बैठा है। आपस में प्रतिस्पर्धा यह है कि कौन सबसे अधिक मक्खन लगा पाता है। सियासत में वोट की ही बड़ी ताकत होती है। जब राजनेताओं द्वारा बिना कुछ दिए ही यदि समाज के बहुतायत द्वारा तलवे चाटे जाएंगे तो उस कौम को बाबाजी का ठुल्लू ही हिस्से में आयेगा। शहर में चर्चा है कि चंद मुसलमान कुछ दिनों पहले बेहद जोशोखरोस से बीकानेर के हसनैन ट्रस्ट में इकट्ठे हुए थे। यू आई टी अध्यक्ष पद के लिए आर पार लड़ने की बात की गई एक नेताजी के सोसियल मीडिया में हजारों की तादाद में जयपुर कूच करने के अध्यक्ष बना दें। बयान आए और दूसरे दिन कुल पच्चीस आदमी जयपुर गए।

खबर है कि ये लोग डोटासरा साहब और कल्ला साहब से मिले और मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत से साथ चल कर मिलवाने की बात की । बताया जाता है कि मुख्य मंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई। लौट के समझदार वापस घर को आए। दिनांक 2 अप्रैल को बीकानेर में कब्रिस्तान में ट्यूब वैल के उद्घाटन समारोह में तथाकथित कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं ने अपने भाषणों में कल्ला साहब को विकास का प्रयाय बताया। सभी ने खूब सराहा और तारीफ की और वही कल्ला जी से कहा गया कि आप ही अपने किसी पसन्द के मुस्लिम नेता को यूआईटी अध्यक्ष बना दे।

हमको मंजूर है। खबर है कि कल्ला साहब ने इन नेताओं को स्पष्ट रूप से अपने स्पीच में कह दिया कि जान बूझ कर काना में कवा मत लीजिए कोई एक नाम आप तय करके दे दें। मैं उसकी सी एम के यहां पैरवी कर दूंगा । क्या मतिरों को तराजू में तोला जाना सम्भव है। पांच मुस्लिम नेता एक ही कार में जयपुर जाते हैं और विधायक माशाअल्लाह पांचों ही दूल्हे का साफा अपने अपने साथ रखते हैं। फिर किसको बनाया जाए यू आई टी अध्यक्ष ? खैर लब्बोलुआब में यह हक़ीक़त है कि यू आई टी अध्यक्ष पद पर किसी मुसलमान का दूर दूर तक कोई नामोनिशान नहीं है। पहले कन्हैया लाल झवर इस दौड़ में सबसे आगे माने जाते थे लेकिन समाचार यह कि वे इन दिनों बीमार चल रहे हैं, उम्र का भी तकाजा है। अभी इस दौड़ में दो ही लोग हैं, एक रमेश अग्रवाल उर्फ कालू बड़ी वाला कहते हैं कि दिल्ली के एक बड़े अग्रवाल व्यापारी जिसके अशोक जी से बेहद करीबी सम्बन्ध हैं वे पैरवी कर रहे हैं और बीकानेर पश्चिम के का भी उनको आशीर्वाद मिला हुआ है।

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