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बीकानेर, देशभर में चल रही नशीली दवाओं की तस्करी के कुख्यात माफिया के तार बीकानेर से जुड़े हुए है । इस मामले में एसओजी की टीम कुख्यात माफिया सुशील करनाणी की तलाश में जुटी हुई है । नोखा के नजदीकी गांव हिम्मतासर निवासी सुशील करनाणी पुत्र छगनलाल बीते कई सालों से देशभर में बोगस दवा कंपनियों के जरिये नशीली दवाओं का कारोबार कर रहा है। फिलहाल इसका नाम प्रदेश के बहुचर्चित ११ करोड़ की नशीली दवाओं के मामले में आया है जो बीते साल अजमेर में पकड़ी गई थी। इस मामले मेंं श्याम सुंदर मूंधड़ा,मोमिन शाह, कालूराम जाट, शेख साजिद पकड़े जा चुके है लेकिन तस्करी का मास्टर माइण्ड सुशील करनाणी अभी तक फरार है। जानकारी में रहे कि नशीली दवाओं की तस्करी का यह वही मामला है जिसमें अजमेर पुलिस के डीएसपी मुकेश सोनी,एसओजी के इंस्पेक्टर भूराराम और क्लॉक टॉवर थाने के सीआई दिनेश कुमावत को अभी हाल ही हाईकोर्ट ने जांच में लापरवाही पर फटकार लगाई थी। इसके बाद जांच एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को सौंपी गई जिन्होने गहनता से जांच पड़ताल में देशभर में फैले नशीली दवाओं के नेटवर्क का खुलासा करते हुए मास्टर माईण्ड सुशील करनाणी का नाम उजागर किया है। जिसने देश भर में बोगस दवा कारोबारी फर्म रजिस्टर्ड करवा कर इस गोरखधंधेे का संचालन किया है। करनानी की बोगस कंपनियों के नाम से ही अजमेर में श्याम सुंदर मूंदड़ा को नशीली दवाओं की खेप भेजी गई थी। जिला पुलिस ने अजमेर में बरामद दवा की खेप मामले में मुख्य आरोपी श्यामसुंदर मूंदड़ा सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन अब तक मास्टरमाइंड सुशील करनानी पुलिस पकड़ से बाहर है। जांच पड़ताल में यह भी पता चला है कि सुशील करनाणी मूल रूप से नोखा के हिम्मतासर का निवासी है,लेकिन उसने आधार कार्ड में नंदनवन चौपासनी हाउसिंग बोर्ड कालोनी जोधपुर व तिरूपति टाउन कालावाड़ रोड जयपुर का पता भी दिया है । यह भी खुलासा हुआ है कि सुशील करनानी के खिलाफ जोधपुर, जयपुर, बीकानेर में नशीली दवा तस्करी के मामले में एनडीपीएस एक्ट 8-22 के तहत 27 प्रकरण दर्ज हैं। जयपुर के आमेर में 2017 में दर्ज प्रकरण संख्या 424 में करनानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है।
-इन दवा कंपनियों के संचालकों की तस्करी में है लिप्तता
एसओजी की जांच में सामने आया है कि दवा तस्करी नेटवर्क को देश भर में संचालित करने वाले सुशील करनानी ने जयपुर में रमैया एंटरप्राइजेज, दीमापुर नागालैंड में बायोमेक्सेरवर फर्मासिटीकल्स, गुरुग्राम हरियाणा में मोनटेक्स फर्मासिटिकल्स, देहरादून उत्तराखंड की हिमालय मेडीटेक सेलाकुई फर्म के जरिए अजमेर सहित देश के कई शहरों में नशीली दवाओं की तस्करी की है। करनानी के काले कारोबार में गोटन नागौर निवासी कमलदीप मौर्य, जगतापुरा जयपुर निवासी हरेराम, दवा सप्लाई करने वाली कंपनियों के संचालक शामिल है। एसओजी को सुशील करनानी और दवा कंपनियों के संचालकों के साथ पार्टनरशिप के कागजात भी मिले हैं । यह भी बात सामने आई है कि बीकानेर में कई दवा कारोबारियों के तार सुशील करनाणी से जुड़े हुए है। एसओजी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि करनाणी के पकड़े जाने पर उसके नेटवर्क से जुड़े दवा कारोबारियों के नाम सामने आयेगें।
-जमानत पर हुआ था रिहा
सुशील करनाणी के कारनामों की कुण्डल खंगालने पर पता चला कि साल २०१७ में नशीली दवाओं की सप्लाई के मामले में गिरफ्तारी और एनडीपीएस एक्ट से जुड़े मामले में चालान के बाद हाईकोट से जमानत के बाद आरोपी सुशील करनाणी जमानत पर रिहा होने के बाद फिर से नशीली दवाओ की तस्करी में जुट गया और इसने अपने नेटवर्क के तार जयपुर,जोधपुर,अजमेर और बीकानेर से जुड़े दवा कारोबारियों से जोड़ लिये। जानकारी के अनुसार नशीली दवा प्रकरण में पुलिस अब तक 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की दवाइयां पकड़ चुकी है। इसमें जयपुर में 5.5 करोड़ और अजमेर में दो बार कार्रवाई कर 11 करो? की दवाइयां जब्त की जा चुकी है। यह सभी दवाइयां विभिन्न ब्रांड की है लेकिन अधिकांश में साल्ट ट्रामोडोल है ।

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