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बीकानेर,जिले के शहरी इलाकों में दर्जनों ऐसी शराब की दुकानें है जिनका ना तो लाईसेंस नवीनीकरण हुआ और ना ही नीलामी । इसके बावजूद इन दुकानों पर बीते चार दिनों से शराब की बिक्री चल रही है। बिना लाईसेंस अवैध रूप से बिक रही शराब के कारण उन ठेकेदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है जिन्होने शहरी इलाके में करोड़ो रूपये दाव पर लगाकर अपनी दुकानों के लाईसेंस नवीनीकरण कराये है । पड़ताल करने पर सामने आया है कि बीकानेर में लालगढ़ होस्पीटल रोड़,रानीबाजार औद्योगिक क्षेत्र की पांच नंबर रोड़,मॉर्डन मार्केट,सादुल सर्किल और बीछवाल रोड़ इलाकों शहरी इलाकों में ऐसी कई दुकानें है जिनका ना तो लाईसेंस नवीनीकरण कराया गया और ना ही नीलामी हुई है। इसे बावजूद दुकानों के संचालक इन दुकानों पर शराब की बिक्री मे लगे हुए है। इससे आबकारी विभाग को हर रोज लाखों रूपये का फटका लग रहा है। जानकारी में रहे कि आबकारी नीति के तहत बिना लाईसेंस शराब बेचना गैर कानूनी और आबकारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराने का प्रावधान है लेकिन फिर भी बीकानेर में सैंकड़ो गैर लाईसेंसी दुकानों पर बीते चार दिनों से शराब की बिक्री चल रही है। इसे लेकर जिला आबकारी अधिकारी और निरीक्षकों को पुख्ता तौर जानकारी होने के बावजूद वह कार्यवाही में नाकामी बनी हुई है । इधर बिना लाईसेंसी दुकानदार बीते चार दिनों के अंतराल में करीब साठ लाख की शराब अवैध तौर पर बेच चुके है। जानकारी में रहे कि जिले में आबकारी विभाग की कुल २२६ शराब की दुकानें है,इनमें से ८६ दुकानों को लाईसेंस नवीनीकरण हो चुका और करीब २३ दुकानें ई-नीलामी प्रक्रिया के तहत बिक चुकी है। शेष बची शराब की ११७ दुकानों को इस माह नये सिरे से नीलाम करने का कार्यक्रम जारी किया गया है। इस मामले की पड़ताल में सामने आया है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों की गैर लाईसेंसी ठेकेदारो के साथ मिलीभगत के चलते सिर्फ शहरी इलाके में ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी बड़ी तादाद में गैर लाईसेंसी दुकानों पर शराब की बिक्री चार दिनों से धड़ल्ले से चल रही है।

अब आठ अप्रेल से होगी शेष बची दुकानों की ई-नीलामी
आबकारी विभाग ने नई शराब नीति लागू करने के बाद रिन्यू नहीं होने वाली शराब की दुकानों को ऑनलाइन नीलाम के जरिए बेचेगी। इसके लिए विभाग ने कार्यक्रम जारी कर दिया हैं। ई-बोली के जरिए शराब कारोबारी दुकानों के लाइसेंस ले सकेगे। आबकारी विभाग ने ई-नीलामी के लिए 8 अप्रैल से 12 अप्रैल तक का कार्यक्रम तय किया हैं। तीन दिन सुबह 11 बजे से 4 बजे तक पंजीकरण कराने वाले शराब ठेकेदार 10 हजार रुपए या उसके गुणक में बोली लगा सकेगे। बोली में शामिल होने से पहले कारोबारियों को एमएसटीसी की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण के बाद ठेकेदारों को दुकान की न्यूनतम कीमत के आधार पर आवेदन शुल्क व पंजीकरण राशि जमा करानी होगी। इसके बाद वे नियत तिथि को बोली में शामिल होकर ऑनलाइन बोली लगा सकेंगे। सभी दुकानों के लिए न्यूनतम कीमत का दो प्रतिशत अमानता राशि तय की गई हैं।

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